एसएसपी ने कहा कि, समाज की मुख्यधारा में स्थापित करने के लिए सरकार की जो योजनाएं हैं, उसका लाभ अखिलेश भुईयां को दिलाया जाएगा.
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गया: भाकपा माओवादी के सब जोनल कमांडर अखिलेश भुईयां ने बुधवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. अखिलेश भुईयां अपने पिता कोलेश्वर भुईयां के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंचा और एसएसपी राजीव मिश्रा के समक्ष आत्मसमर्पण किया.
इस दौरान एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि, अखिलेश भुईयां जिले के उग्रवाद प्रभावित सोहेल थाना क्षेत्र के निमिया टोला गांव के निवासी हैं. जो वर्ष 2011 में समाज की मुख्यधारा से भटक कर नक्सल गतिविधि में शामिल हो गया था. उन्होंने कहा कि, नक्सल में शामिल होने के बाद जो बातें नक्सलियों द्वारा नक्सल सिद्धांत की बताई गई थी, उसका अनुपालन नहीं किया गया. इतना ही नहीं नक्सली इन्हें अपने साथ शामिल कर प्रताड़ित करने का काम करते थे. जो वादा नक्सलियों ने किया था, वह पूरा नहीं किया.
एसएसपी ने कहा कि, जब भुईयां नक्सल छोड़कर वापस समाज की मुख्यधारा में लौटना चाह रहा था तो, नक्सलियों द्वारा इनको बंधक बना लिया गया और प्रताड़ित किया जा रहा था. किसी तरह जान बचाकर ये नक्सलियों के चंगुल से भागकर आया है, जिसके बाद पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है.
उन्होंने कहा कि, समाज की मुख्यधारा में स्थापित करने के लिए सरकार की जो योजनाएं हैं, उसका लाभ अखिलेश भुईयां को दिलाया जाएगा. एसएसपी ने कहा कि, अखिलेश भुईयां द्वारा नक्सल गतिविधियों में रहते हुए कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है. इसके द्वारा जिले के आमस थाना क्षेत्र में सोलर पावर प्लांट को बम विस्फोट कर उड़ाया गया था.
वहीं, लुटूआ थाना क्षेत्र में भी पुलिस पार्टी को क्षति करने के उद्देश्य बम विस्फोट किया गया था. जिले के बांकेबाजार थाना क्षेत्र के सोनदाहा गांव में स्कूल को विस्फोट कर उड़ाने की घटना में ये शामिल था. इसके अलावा औरंगाबाद जिले के मदनपुर में तत्कालीन एमएलसी राजन सिंह के घर को भी इसने विस्फोट कर उड़ाया था. गया और औरंगाबाद पुलिस को इनकी कई कांडों में तलाश थी.
एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि, इसके परिवार में जमीन का बंटवारा इनके रिश्तेदारों द्वारा सही तरीके से नहीं किया गया था. उसी जमीन को हासिल करने के उद्देश्य से ये नक्सल गतिविधि में शामिल हो गया था. जहां इनके इस मंसूबे को नक्सलियों ने भी पूरा नहीं किया. जिस वजह से ये वापस लौट आया है.