नेपाल ने फिर की तनाव बढ़ाने की कोशिश, इस बार चेकपोस्ट पर लगाया 'सीमा प्रारंभ' का बोर्ड
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नेपाल ने फिर की तनाव बढ़ाने की कोशिश, इस बार चेकपोस्ट पर लगाया 'सीमा प्रारंभ' का बोर्ड

नेपाल और भारत के बीच सबसे ज्यादा व्यपार रक्सौल बॉर्डर से होता है. इस बॉर्डर को ट्रेड बॉर्डर भी कहा जाता है. चीन षड्यंत्र के तहत नेपाल से इस बॉर्डर पर विवाद कराना चाहता है ताकि ट्रेड बॉर्डर बाधित हो. 

नेपाल ने फिर की तनाव बढ़ाने की कोशिश, इस बार चेकपोस्ट पर लगाया 'सीमा प्रारंभ' का बोर्ड. (फाइल फोटो)

रक्सौल: नेपाल की केपी ओली सरकार ने चीन के शह पर एक बार फिर से तनाव बढ़ाने की हिमाकत करने की कोशिश की है. नेपाल पुलिस ने कुछ सिविलयन जवानों के साथ मैत्री पुल पर पहुंचकर नेपाल सीमा प्रारम्भ का बोर्ड लगाया. बोर्ड लगाता देख बॉर्डर पर तैनात भारत के एसएसबी जवान और सुरक्षा एजेंसियों ने विरोध किया. फिर नेपाल पुलिस के जवानों ने काफी मशक्कत  के बाद बोर्ड को हटाया.  

नेपाल जानबूझकर चीन के बहकावे में आकर भरतीय बॉर्डर पर ऐसी गलती करके उकसाने की कोशिश कर रहा है. ताकि भारतीय बॉर्डर पर तनाव बना रहे. नेपाल के आज की हिमाकत के वजह से बॉर्डर पर टेंशन का माहौल हो गया है. एहतियातन एसएसबी बॉर्डर पर पैट्रोलिंग के साथ जवानों की संख्या बढा दी गई है.

नेपाल ऐसी हिमाकत पहले भी कर चुका है. इससे पहले नेपाल ने पनटोका गांव के पास भारतीय जमीन पर वॉच टॉवर और अस्थाई पोस्ट बना दिया था. मीडिया में खबर आने के बाद नेपाल ने वॉच टॉवर हटाकर अस्थाई पोस्ट को 50 फीट पीछे लिया. मैत्री पुल से पनटोका की दूरी 2 किमी की है.
 
नेपाल और भारत के बीच सबसे ज्यादा व्यपार रक्सौल बॉर्डर से होता है. इस बॉर्डर को ट्रेड बॉर्डर भी कहा जाता है. चीन षड्यंत्र के तहत नेपाल से इस बॉर्डर पर विवाद कराना चाहता है ताकि ट्रेड बॉर्डर बाधित हो. 

हालांकि, इससे नेपाल को भी काफी परेशानी होगी, क्योंकि 70 प्रतिशत सामानों की सप्लाई रक्सौल बॉर्डर से नेपाल के लिए होता है, लेकिन नेपाल चीन के आगे ऐसा नतमस्तक हुआ है कि उसे समझ मे नहीं आ रहा है.