डीएमसीएच में नवजात की मौत, परिजनों का आरोप- चूहे के काटने से गई जान
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डीएमसीएच में नवजात की मौत, परिजनों का आरोप- चूहे के काटने से गई जान

29 अक्टूबर की रात चूहे ने बच्चे के हाथ और पैर की उंगली को चूहे खा गए, जिससे उसकी मौत हो गई.

पंडौल से नवजात का इलाज करवाने के लिए परिजन डीएमसीएच पहुंचे थे.

दरभंगा : उत्तर बिहार और नेपाल के सीमावर्ती इलाकों के सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल दरभंगा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (डीएमसीएच) सदैव सुर्खियों में बना रहता है. हॉस्पिटल के शिशु विभाग में लापरवाही का मामला सामने आया है. एक नवजात बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि चूहा काटने से नवजात की मौत हुई है. हालांकि अस्पताल प्रबंधन उनके इस आरोप को सिरे से खारिज कर रहा है.

मधुबनी जिला के पंडौल से नवजात का इलाज करवाने के लिए परिजन डीएमसीएच पहुंचे थे. शिशु विभाग में बच्चे को भर्ती किया गया था. बच्चे की हालत को देखते हुए उसे एनआईसीयू में भर्ती किया गया. 29 अक्टूबर की रात चूहे ने बच्चे के हाथ और पैर की उंगली को चूहे खा गए, जिससे उसकी मौत हो गई.

वहीं, डीएमसीएच के डॉक्टर ओम प्रकाश एनआईसीयू में चूहे होने की बात को स्वीकार रहे हैं, लेकिन चूहा के काटने से मौत की बात को खारिज कर रहे हैं. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.

हाल ही में डीएमसीएच में जीवन रक्षक दवाओं की कमी की बात सामने आई थी. इससे दूर-दराज से आने वाले मरीजों और वहां भर्ती रोगियों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है. इस मामले में अस्पताल प्रशासन भी अपने हाथ खड़े कर लिए थे. उनका कहना था कि बीएमएसआईसीएल से दवाओं की आपूर्ति जरूरत के अनुसार नहीं हो रही है.

वहीं, दूर-दराज से अस्पताल पहुंच रहे गरीब मरीजों को दवाईयां बाहर से खरीदनी पड़ी. इससे भी अधिक खराब स्थिति इमरजेंसी वार्ड के मरीजों की हो गई थी. उनके लिए तत्काल उपलब्ध रहने वाली एंटीबायोटिक, इंजेक्शन समेत सभी जीवन रक्षक दवाएं नहीं है. ऐसे में गरीब मरीजों पर बड़ा बोझ पड़ रहा है.