भोजपुरी पाठकों के लिए विशेष... बिदेसिया के पातिः का होई हो अब का होई...?
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भोजपुरी पाठकों के लिए विशेष... बिदेसिया के पातिः का होई हो अब का होई...?

ई नीतीश कुमार के अनेरिया सपना रहे. ई फॉर्मूला अब ले चल ना पावल. कहेवाला लोग ई भी कहत बा कि राहुल गांधी के भी सिपाही बनी के देश भर के राजनीति में सक्रिय होखे खातिर तईयार बाड़े बाकि फेरू बिहार में सत्ता उनके लगे रहे के चाहीं. 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

भोजपुरी के विस्तार, पाठकों को ध्यान में रखते हुए 'जी डिजिटल' आपकी प्रिय भाषा में आपके पास पहुंचने की कोशिश कर रहा है. आपके लिए हम 'काका के ठीहा' नाम से कॉलम शुरू कर रहे हैं, जिसमें भोजपुरी भाषी क्षेत्र की संस्कृति, समाज, राजनीति, साहित्य, फिल्म पर सामग्री, राय, विचार उपलब्ध कराने जा रहे हैं. आशा है, यह पहल पसंद आएगी. आइए, मिलकर भोजपुरी की मिठास साझा करें : संपादक 

पिछिलका तीस बरिस से बिहार के रजनीति दुराहा पर फंसत रहे. एक ओर नीतीश कुमार रहत रहले, दोसरका ओर लालू यादव. ईहे दुराहा में केहू एने खेमा बना के जात रहे, केहू ओने जात रहे. अबकी बिहार के रजनीति तिराहा में फंस गईल बा. एक ओर भाजपा बिया, दोसरका ओर लालू यादव के बेटा तेजस्वी यादव अउरी उनकर पार्टी राजद अउरी एह दुनो के बीच में नीतीश कुमार के फंसान फंस गईल बा. नीतीश कुमार अब एके साथे तीन—चार गो तीर छोड़ के कवनो तरीका से अगिलका बारी खातिर आपन आधार बनावे के तईयारी कर रहल बाड़ें. एक तो उ फेरू से पुरान पड़ल बिहार के विशेष राज्य के दर्जा अभियान वाला हथियार के चमका रहल बाड़ें कि ओकरा नाम पर लोग गोलबंद होखो. दोसरका एनडीए में बिहार के सबके नेता होखे के घोषणा अपने से कर चुकल बाड़ें. तीसरका कहल जा रहल बा कि नीतीश कुमार फेरू से ई कोशिश भी कईले कि राजद अउरी कांग्रेस के संगे ईयारी होखे. नीतीश कुमार ईहां तक तईयारी में रहले कि उ कवनो तरीका से राजद अउरी कांग्रेस के मना लेस कि राज्य के राजनीति में तेजस्वी यादव चेहरा रहिहें बाकि लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के मुकाबला में राहुल गांधी के ना बलुक नीतीश कुमार के उभारल जाव. 

ई नीतीश कुमार के अनेरिया सपना रहे. ई फॉर्मूला अब ले चल ना पावल. कहेवाला लोग ई भी कहत बा कि राहुल गांधी के भी सिपाही बनी के देश भर के राजनीति में सक्रिय होखे खातिर तईयार बाड़े बाकि फेरू बिहार में सत्ता उनके लगे रहे के चाहीं. कांग्रेस के नेता राहुल गांधी बयान दे के नीतीश कुमार के एह उम्मीद पर भी पानी फेर देले. बिहारी राजनीति में सबसे मजबूत नेता मानल जायेवाला नीतीश कुमार एकरा पहिले कब एतना मजबूर रहले, बिहारी लोग के ईयाद नईखे आवत. नीतीश कुमार रजनीति के मास्टर मानल जालें. बिहार में जहां कि ई कहल जाला कि वोट अउरी बेटी, अपना जाति से बाहर ना देबे के चाहीं, ओह राज्य में नीतीश कुमार पिछिलका 15 बरिस से हरेक बार एगो नया समीकरण बना के सत्ता में बनल रहले. कभी लालू यादव के कोर वोट बैंक के ध्वस्त कई के अतिपिछड़ा, महादलित, पसमांदा के बंटवारा कर के आपन आधार बनवले तो कभी विकास के मॉडल खड़ा कर के बिहार विशेष राज्य दर्जा के अभियान चलवले. अबकी बार भी शराबबंदी अउरी दहेजबंदी अभियान के ओईसनके टर्नअपन के उमेद कईले रहलें बाकि उनका पता चल गईल बा कि ई अभियान वोट में बदले के स्थिति में नईखे. ई कुल तो एगो बात भईल, असली बात ई बा कि  नीतीश कुमार के अब समझ में आ रहल बा कि उ राजद से ईयारी—दोस्ती छोड़ के भाजपा संगे अईले तो भाजपा उनकर साथ दिही लेकिन पहिलका मजा ना मिलल. 

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भाजपा संगी तो बना लिहलस, साथे तो हो गईल बाकि अंदरे—अंदर खेला दोसर चलत रहल. भाजपा नीतीश के संगे रह के नीतीशे कुमार के कमजोर करे में लाग गईल. बिहार के रजनीति जानेवाला लोग जानत बा कि भाजपा एक तरीका से अबकी राजद के बढ़े के सह देलस. भाजपा बड़ पार्टी हिय, उ सत्ता के बिना भी रह सकत बिया, सत्ता खातिर इंतजार कर सकत बिया, ओकर वजूद तबो बनल रही. भाजपा के सत्ता पावे खातिर चाहे आपन संगठन के मजबूत करे खातिर नीतीश के ना बलुक राजद के सक्रिय रहल अउरी मजबूत होखल जरूरी बा. भाजपा के सामने नीतीश जईसन कवनो नेता रही तो बिहार में सत्ता पावल मुश्किल रही काहे कि नीतीश कुमार सवर्ण से लेकर ओह दोसरका जाति में भी पैठ रखेले, जहां भाजपा के नजर रहेला. एह से भाजपा बहुत ही बढ़ियां से अबकी नीतीश कुमार के कमजोर कईले बिया. नीतीश कुमार महादलित के वोट बैंक बनवले तो भाजपा जितनराम मांझी जईसन नेता के बगावती बना के आखिर में दोसर रास्ता पकड़ा देलस. नीतीश कुमार के कोर वोट बैंक लव—कुश समीकरण मने कुरमी—कोईरी के तोड़े खातिर उपेंद्र कुशवाहा के आगे कर के बढ़ा देलस. ई कुल भाजपा लंबा अभ्यास से कईलस अउर अबकी नीतीश कुमार के साथी बना के चाहे कहीं कि फेरू से साथी बनी के कमजोर करे के अभियान शुरू कईलस. 

नीतीश कुमार जानत बाड़े कि एक बेर सत्ता से बेदखल भइले तो फेरू बिहार के रजनीति में उनकर वापसी मुश्किल हो जाई काहे कि चारो ओर से घेराबंदी कर के उनकर विस्तार के संभावना पर ब्रेक लगा देबल गईल बा. इयाद करीं एकरा पहिलेवाला दुई गो टर्म. नीतीश कुमार के पार्टी से जादे भाजपा के नेता अउरी राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी उनकर संकटमोचक लेखा काम करत रहले बाकि अबकी बार तेजस्वी के रोज—रोज प्रहार होखला के बाद भी सुशील मोदी एक कान से सुन के दोसरका से निकाल देबेवाला अंदाज में बाड़े.एह कुल मे सवाल ई बा कि अब का होखी आगे? जवाब एतना आसान नईखे. बिहार में नीतीश खातिर अबहियो एगो बड़ उमेद बाचल बा. पिछिलका तीन दशक से पार्टी के आधार पर बिहार में चुनाव ना होला बलुक व्यक्ति के मुकाबला होला. व्यक्तित्व के आधार बनी तो नीतीश कुमार के चेहरा अबहियो बिहार में सब नेता पर भारी पड़ेला. अउरी फेरू इतिहास भ तो ई बता रहल बा कि नीतीश कुमार बिहारी राजनीति में एगो अईसन तुरूप के पत्ता हवे जे कबो पाला बदलेले तो उनकर साथ देबे खातिर उनकर घोर विरोधियन तक के लाईन लाग जाला.