पद छोड़ने के नौ महीने बाद जनता दल (यू) के नेता नीतीश कुमार ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद की फिर से शपथ ली जिससे बिहार में पिछले कई दिनों से सत्ता संघर्ष को लेकर चल रही राजनीतिक नौटंकी का पटाक्षेप हो गया।
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पटना : पद छोड़ने के नौ महीने बाद जनता दल (यू) के नेता नीतीश कुमार ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद की फिर से शपथ ली जिससे बिहार में पिछले कई दिनों से सत्ता संघर्ष को लेकर चल रही राजनीतिक नौटंकी का पटाक्षेप हो गया।
राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने राजभवन में आयोजित एक भव्य समारोह में 63 वर्षीय नीतीश को पद की शपथ दिलाई जिसमें जीतनराम मांझी भी शामिल हुए। मांझी ने पार्टी नेतृत्व के आदेशों की अवहेलना करते हुए नीतीश के लिए पद छोड़ने से इंकार कर दिया था और बिहार पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक ड्रामेबाजी का अखाड़ा बना हुआ था।
नीतीश के अलावा तीन महिलाओं सहित 22 मंत्रियों को भी शपथ दिलाई गई।
पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा सहित कई मुख्यमंत्रियों -- ममता बनजी (पश्चिम बंगाल), अखिलेश यादव (उत्तर प्रदेश), तरूण गोगोई (असम) और आईएनएलडी नेता अभय चौटाला भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।
जिन मंत्रियों ने पद की शपथ ली है उनमें विजय कुमार चौधरी, विजेन्द्र प्रसाद यादव, रमई राम, दामोदर राउत, नरेन्द्र नारायण यादव, पी. के. शाही, श्याम रजक, अवधेश कुशवाहा, लेसी सिंह, दुलाल चंद गोस्वामी, राजीव रंजन उर्फ लल्लन सिंह, श्रवण कुमार, रामलषण राम रमन, रामधनी सिंह, जय कुमार सिंह, मनोज कुमार सिंह, जावेद इकबाल अंसारी, बीमा भारती, रंजू गीता, वैद्यनाथ सहनी, विनोद सिंह यादव और नौशाद आलम शामिल हैं।