बिहार: कोरोना संकट के बीच शुरू हुआ 10-12वीं में दाखिला, कोविड नियमों का बन रहा 'मजाक'
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बिहार: कोरोना संकट के बीच शुरू हुआ 10-12वीं में दाखिला, कोविड नियमों का बन रहा 'मजाक'

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने दाखिले के लिए पहली सूची जारी कर दी है, जिसके तहत पहली सूची में चयनित छात्र और छात्राओं को किसी भी हालात में 12 अगस्त तक दाखिला ले लेना है. उसका कोई पालन नहीं हो रहा है.

बिहार: कोरोना संकट के बीच शुरू हुआ 10-12वीं में दाखिला, कोविड नियमों का बन रहा 'मजाक'.

पटना: राज्य के पैतीस सौ से ज्यादा इंटर स्तरीय स्कूल और कॉलेज में नामांकन शुरू हो चुका है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने दाखिले के लिए पहली सूची जारी कर दी है, जिसके तहत पहली सूची में चयनित छात्र और छात्राओं को किसी भी हालात में 12 अगस्त तक दाखिला ले लेना है.

हालांकि, बिहार में जिस तरह से कोरोना (Corona) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और लगातार कोरोना से लोगों की मौत हो रही है, उस हालात में इंटर में दाखिला लेना किसी बड़े जोखिम से कम नहीं है. राजधानी पटना में एडमिशन के दौरान कोरोना को लेकर जो प्रोटोकॉल जारी किए गए हैं,पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के रामकृष्ण दवारिका कॉलेज में भी इंटर के तीनों स्ट्रीम यानि साइंस,आर्ट्स और कॉमर्स में दाखिला हो रहा है. नामांकन के लिए छात्र और छात्राओं की भारी भीड़ है. लेकिन कोरोना के इस भीषण काल में, यहां किसी भी तरह के नियमों का पालन नहीं हो रहा है.

छात्र हो या छात्रा, इन्होंने काफी कम संख्या में मास्क लगा रखा है और सामाजिक दूरी का किसी भी तरह से पालन नहीं हो रहा है. एडमिशन लेने वाले काउंटर पर छात्रों की भारी भीड़ है. ऐसे में अगर एडमिशन के साथ छात्र कोरोना पॉजिटिव हो जाए तो, कोई हैरत की बात नहीं है.

पटना के रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज में एडमिशन के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल को, जिस तरह से ताक पर रखा जा रहा है, उससे कॉलेज प्रबंधन भी वाकिफ है. एक तो इस कॉलेज  क प्रिंसिपल प्रोफेसर इंद्रजीत प्रसाद राय देरी से पहुंचे हैं, दूसरी तरफ उन्होंने सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं होने को लेकर बहाना भी बना रहे हैं.

प्रिंसिपल के मुताबिक, साइंस,आर्ट्स हो या फिर कॉमर्स में, दाखिले के लिए अलग-अलग काउंटर बनाए गए हैं और सामाजिक दूरी का भी पालन कराया जाएगा. हालांकि, पटना के मिलर हाईस्कूल में इंटर में दाखिले को लेकर स्थिति थोड़ी बेहतर दिखी.

वहीं, एक सच्चाई ये भी है कि मिलर हाईस्कूल में दाखिले को लेकर छात्रों में उतनी उत्सुकता भी नहीं है. दूसरी ओर प्रिंसिपल आजाद चन्द्रशेखर प्रसाद चौरसिया के मुताबिक, दाखिले के लिए काफी कम वक्त बीएसइबी ने दिया है और दूसरे जिलों से भी छात्र आवागमन की सुविधा के अभाव के बीच, दाखिले के लिए पहुंच रहे हैं.

कोरोना से बचने का सबसे सशक्त माध्यम है सामाजिक दूरी. लेकिन बिहार में इंटर में एडमिशन के दौरान इस नियम का एक तरह से मजाक उड़ाया जा रहा है. छात्रो में दाखिले के लिए उत्सकुता तो है, लेकिन अभिभावकों में इस बात का डर है कि, कॉलेज पहुंचकर दाखिले लेने वाले बच्चे कहीं घर आते समय, कोरोना संक्रमित न हो जाएं.