झारखंड:अब तक नहीं मिला एक भी कोरोना पॉजिटिव मामला, 31 हजार हैं क्वारांटाइन, लेकिन...
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झारखंड:अब तक नहीं मिला एक भी कोरोना पॉजिटिव मामला, 31 हजार हैं क्वारांटाइन, लेकिन...

हालांकि इसका एक दूसरा पहलू भी है. राज्य के 24 जिलों में से 17 जिलों में ऐसे 31430 लोगों को होम क्वारांटाइन में रखा गया है. इसमें से कोरोना की जांच अब तक सिर्फ 137 लोगों की हुई है. 

झारखंड में 31 हजार लोग रखे गए हैं क्वारांटाइन, 137 टेस्ट के बाद भी नहीं मिला एक भी मामला. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

रांची: कोरोना को लेकर राज्य सरकार की ओर से विशेष सतर्कता बरती जा रही है, जिसमें लोग अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं, लेकिन ताजा आंकड़ों के मुताबिक एक चौकाने वाला तथ्य सामने आया है. दरअसल, 17 जिलों में 31,403 लोग अभी तक होम क्वारांटाइन में हैं. जबकि अब तक सिर्फ 137 का कोरोना टेस्ट किया गया है.

राज्य में अब तक एक भी पॉजिटिव मरीज नहीं लेकिन इसका एक दूसरा भी है पहलू

झारखंड से सटे हर राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीज आने के बावजूद राज्य अब तक इस महामारी से महफूज है. जानकार मानते हैं कि अन्य राज्यों की अपेक्षा विदेश यात्रा से लौटने वालों की संख्या यहां कम होने के कारण यह स्थिति हो सकती है. 

हालांकि इसका एक दूसरा पहलू भी है. राज्य के 24 जिलों में से 17 जिलों में ऐसे 31430 लोगों को होम क्वारांटाइन में रखा गया है. इसमें से कोरोना की जांच अब तक सिर्फ 137 लोगों की हुई है. 

जबकि डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में सभी देशों को सलाह दी है कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ जांच की संख्या भी बढ़ाई जाए. क्योंकि अगर जितना जांच होगा रिजल्ट उतने ही ज्यादा सटीक होंगे.

मामले पर जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि पूरे राज्य में लगभग 32000 लोगों को होम क्वारांटाइन की सलाह दी गई है, लेकिन इनमें से ऐसे लोग बहुत ज्यादा हैं जिनका सीधे किसी लक्षण से कोई संबंध नहीं. बस एहतियातन उन्हें रखा गया है. 

ज्यादातर लोग जो क्वारांटाइन हैं, वह अंतर राज्य है. इनकी 14 दिनों तक निगरानी होगी और अगर कोई लक्षण नजर आए तो फिर उनका टेस्ट कराया जाएगा. क्योंकि अभी के वक्त में जिन लोगों को मामूली सर्दी खांसी भी हो रही है, वह डर से कोरोना टेस्ट कराने की बात कह रहे हैं.

कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच राज्य सरकार ने पूरी स्थिति और तैयारियों की मॉनिटरिंग की. इसकी जिम्मेदारी 8 आइएएस अधिकारियों को सौंपी है. यह अधिकारी क्वारांटाइन लोगों और सेंटरों पर अपडेट लेंगे वही क्वॉरेंटाइन सेंटरों पर पेयजल शौचालय भोजन पर भी नजर रखेंगे. उन्हें प्रखंडों में घर-घर 2 माह का राशन वृद्धावस्था पेंशन आदि का भी आदेश मिला है.

किस अधिकारी को मिली कहां की ज़िम्मेदारी

कृपानंद झा को पश्चिमी, पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां की जिम्मेदारी मिली है. विप्रा पाल को गुमला, सिमडेगा और लोहरदगा की जिम्मेदारी, राजेश पाठक को गिरिडीह, कोडरमा और चतरा जबकि रमाकांत सिंह को जामताड़ा, गोड्डा और देवघर की जिम्मेदारी दी गई है.

इसके अलावा राजीव कुमार को लातेहार, खूंटी और रामगढ़ की जिम्मेदारी तो वही माधव शरण सिंह को पलामू, गढ़वा और धनबाद का जिम्मा मिला है. जबकि राजीव रंजन को साहिबगंज, पाकुड़ और दुमका की जिम्मेदारी मिली है. अबू इमरान को रांची बोकारो और हजारीबाग की जिम्मेदारी मिली है.

मुख्यमंत्री ने किया शक्तियों का विकेंद्रीकरण-.बन्ना गुप्ता
वहीं मामले पर जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री बनना गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सारी शक्तियों का विकेंद्रीकरण किया है ताकि तमाम व्यवस्था सुदृढ़ और सुनिश्चित हो सके.उन्होंने बताया कि राज्य के बहुत सारे लोग श्रमिक और कामगार के रूप में विभिन्न विभिन्न राज्यों में काम कर रहे हैं और ऐसे में कई लोग फंसे हैं. इसी को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार हर दो-तीन राज्य पर एक आईएस को पदभार दिया गया है .जहां वहां के लोगों से कोआर्डिनेशन कर उनकी व्यवस्था दुरुस्त की जाए.