साहिबगंज: कभी इस प्राथमिक केंद्र को मिला था अवार्ड, अब मरीजों के लिए एक डॉक्टर नहीं
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साहिबगंज: कभी इस प्राथमिक केंद्र को मिला था अवार्ड, अब मरीजों के लिए एक डॉक्टर नहीं

2017-2018 में मिर्जा चौकी प्राथमिकी स्वास्थ्य केंदर् को कायाकल्प पुरस्कार से स्वास्थ्य मंत्री ने नावाज था. इस पुरुस्कार में दो लाख रूपए का चेक और प्रशस्ति पत्र दिया गया था. 

अब पिछले 6 महीने से यह केंद्र केवल एक नर्सिंग स्टाफ के भरोसे चल रहा है.

साहिबगंज: साहिबगंज जिले का मिर्जा चौकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जिसे अपनी बेहतरीन ढंग से काम करने के लिए 2017- 18 में कायाकल्प के मामले में प्रथम पुरस्कार मिल चुका है. लेकिन आज उस अस्पताल की स्थिति यह है कि मरीजों को देखने के लिए एक डॉक्टर भी इस अस्पताल में नहीं हैं. 

2017-2018 में जब तत्कालिन राज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री ने दौरा किया था तब स्वास्थ्य केंद्र का प्रभारी चिकित्सक डॉ.मोहन पासवान के अच्छे काम की वजह से इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को कायाकल्प पुरस्कार मिला था.इस पुरुस्कार में दो लाख रूपए का चेक और प्रशस्ति पत्र दिया गया था. 

अब पिछले 6 महीने से यह केंद्र केवल एक नर्सिंग स्टाफ के भरोसे चल रहा है. इस वजह से यहां स्वास्थ्य सुविधा पूरी तरह से चरमरा गई है. मिर्जा चौकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसका खामियाजा नर्सिंग स्टाफ को भी भुगतना पड़ता है. डॉक्टर के नहीं रहने से मरीजों की चिकित्सीय जांच नहीं हो सकती है. 

ऐसे में मरीजों को साहिबगंज सदर अस्पताल जाना पड़ता है जो यहां से लगभग 16 किलोमीटर दूर है. कई बार गंभीर अवस्था में मरीजों की जान तक चली गई है. ऐसे में स्वास्थ्य केंद्र पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. डॉ मोहन पासवान के जाने के बाद यहां एक भी डॉक्टर की पोस्टिंग नहीं हुई है. ऐसे में मरीजों की नर्सिंग कर्मचारियों के साथ बहस भी हो जाती है. 

वहीं, सिविल सर्जन ए के सिंह का कहना है कि मंडरो से सप्ताह में 2 दिन के लिए एक चिकित्सक को रखा गया है जो की नाकाफी है. आपको बता दें कि इस स्वास्थ्य केंद्र से लगभग एक लाख लोगों को स्वास्थ्य लाभ दिया जाता है.