रेल मंत्रालय ने दी सफाई- IRIMEE का जमालपुर से लखनऊ स्थानांतरण नहीं होगा
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रेल मंत्रालय ने दी सफाई- IRIMEE का जमालपुर से लखनऊ स्थानांतरण नहीं होगा

रेल मंत्रालय की ओर से जारी स्पष्टीकरण में कहा गया है कि, बिहार के जमालपुर से ईरिमी को उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थानांतरित करने की कोई योजना नहीं है. इस आशय का कोई भी दावा गलत और भ्रामक है.

रेल मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को आधारहीन बताया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली: मुंगेर के जमालपुर स्थित रेलवे संस्थान को लखनऊ स्थानांतरित करने के मामले में रेल मंत्रालय को सफाई देनी पड़ी है. रेल मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि संस्थान को स्थानांतरित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है, बल्कि वो संस्थान को शैक्षणिक रूप से और समद्ध बनाने के लिए काम कर रहा है.

लेकिन रेल मंत्रालय के मुंबई नियोजन की ओर से 27 अप्रैल को जो पत्र संस्थान के निदेशक को लिखा गया है, उसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि संस्थान को लखनऊ स्थानांतरित करे को लेकर टेलीफोनिक वार्ता हुई थी. इसके संबंध में संस्थान के निदेशक की ओर से 17 मार्च 2020 को पत्र लिखा गया था. इसी के आलोक में ये उत्तर आया था और लिखा गया था कि अपर महाप्रबंधक संस्थान को स्थानंतरित करने पर सहमत हैं.

इसकी जानकारी जब बिहार सरकार को मिली थी, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक मई यानी मजदूर दिवस के दिन रेल मंत्री को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने रेल संस्थान को बिहार का गौरव बताया था और स्थानांतरण को लेकर कड़ा ऐतराज जताया था. मुख्यमंत्री ने लिखा था जमालपुर रेल कारखाने और संस्थान को लेकर देश ही नहीं दुनिया में जाना जाता है, जिसकी स्थापना 1888 में हुई थी. रेल संस्थान में पढ़ाई 1927 से चल रही है. 93 साल से जिस संस्थान में पढ़ाई चल रही है और यहां से पढ़े लोग रेलवे में बड़े पदों तक पर रहे हैं. 

ये बिहार के लिए विरासत है, गौरव है, जिसको आगे बढ़ाने के लिए 2015 में बडोदरा की तर्ज पर जमालपुर संस्थान को भी यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की मांग हुई थी, लेकिन अब तक इस पर फैसला नहीं लिया गया, लेकिन अब संस्थान को स्थानांतरित करने की बात सामने आ रही है, जो बिल्कुल ठीक नहीं है. मुख्यमंत्री के पत्र की बात सामने आने के बाद बिहार के राजनीतिक हलकों में खलबली मच गयी थी. विपक्ष से लेकर सत्तापक्ष के नेता संस्थान के पक्ष में खड़े हो गये थे. इनका कहना था कि किसी भी सूरत में जमालपुर के संस्थान को स्थानांतरित नहीं किया जाना चाहिये. 

इसके बाद डिप्टी सीएम सुशील मोदी की ओर से सफाई आयी थी, उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि उनकी रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात हुई थी, संस्थान को स्थानांतरित किये जाने की बात बेबुनियाद है. रेल मंत्रालय संस्थान को यूनिवर्सिटी के तौर पर विकसित करना चाहता है. जल्द ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पत्र का जवाब रेलमंत्री की ओर से दिया जाएगा. 

इसके लगभग 24 घंटे के बाद रेल मंत्रालय की ओर से बयान जारी किया गया है, जिसमें संस्थान को लेकर सफाई दी गयी है और कहा गया है कि इसे स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रेल मंत्रालय के पास नहीं है. साथ ही संस्थान में शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ाने की योजनाओं के बारे में भी बताया गया है. रेल मंत्रालय ने भी जमालपुर के संस्थान को बिहार का गौरव माना है.