बिहार में Bharat Band से आम जनजीवन प्रभावित, कृषि कानून वापस लेने की उठी मांग
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बिहार में Bharat Band से आम जनजीवन प्रभावित, कृषि कानून वापस लेने की उठी मांग

भारत बंद (Bharat Band) के दौरान बस संचालन में भी देरी हुई. अधिकांश बस ऑपरेटरों ने सुबह के संचालन को रद्द कर दिया. उन्होंने शाम को परिचालन शुरू करने का फैसला किया है.

बिहार में 'भारत बंद' से आम जनजीवन प्रभावित. (तस्वीर साभार-आईएएनएस)

पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जन अधिकार पार्टी (JAP) और वाम दलों के समर्थकों ने किसानों की ओर से बुलाए गए 'भारत बंद' के समर्थन में मंगलवार को पटना में व्यापक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. इसके अलावा बिहार के कई हिस्सों में कुछ गड़बड़ी और व्यवधान की भी खबरें सामने आईं. पटना में विपक्षी दलों के समर्थकों ने डाक बंगला चौक चौराहे को ब्लॉक कर दिया, जिससे यातायात बाधित हो गया.

पप्पू यादव के नेतृत्व में जन अधिकार पार्टी (जाप) समर्थक विशेष रूप से आक्रामक दिख रहे थे. पार्टी समर्थक अपने सिर पर धान की फसल रखकर संसद की ओर से पारित तीन कृषि विधेयकों का विरोध करते नजर आए. इसके साथ ही वह अपने साथ पारंपरिक कृषि उपकरण भी लिए हुए थे. यादव ने कहा कि राजग सरकार को तीन 'काले कानून' वापस लेने चाहिए और कृषि क्षेत्र पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करनी चाहिए. 

जाप प्रमुख ने कहा, 'पहले दिन से ही हम तीन काले कानूनों को वापस लेने के अलावा एमएसपी (MSP) पर गारंटी की मांग कर रहे हैं. नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार केवल कॉर्पोरेट घरानों और बड़े कारोबारियों के हितों की बात करती है. वह किसानों के हित की परवाह नहीं करती है. इसके अलावा राजग के नेता उन्हें खालिस्तानी, पाकिस्तानी और राष्ट्रविरोधी कह रहे हैं. यह अस्वीकार्य है. सरकार को हमारे अन्नदाताओं को अपमानित नहीं करना चाहिए.'

पप्पू यादव ने कहा, "हमारी पार्टी ने सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए 16 दिसंबर तक इंतजार करने का फैसला किया है. 23 दिसंबर से हम ऐतिहासिक पश्चिम चंपारण जिले से एक किसान रैली शुरू करेंगे, जो बाद में पूरे राज्य में चलेगी.' विरोध के दौरान, राजद और जेएपी के समर्थकों ने दो दर्जन से अधिक कारों के रास्ते को अवरुद्ध कर दिया, जिससे वाहन चालकों को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के विधायक सुदामा प्रसाद ने आरोप लगाते हुए कहा, 'एनडीए सरकार ने आम लोगों के कल्याण के लिए एक भी निर्णय नहीं लिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की, जीएसटी लागू किया, रोड टैक्स में वृद्धि की, कॉर्पोरेट्स को लाभ देने के लिए रेलवे और अन्य चीजों का निजीकरण किया. अब वह कृषि क्षेत्र में निजीकरण के लिए तीन कृषि कानून लेकर आए हैं.'

वहीं मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा, 'भारत की जीडीपी दर माइनस 23 प्रतिशत है. केवल कृषि क्षेत्र में जीडीपी विकास दर 3.5 प्रतिशत है. मोदी सरकार इस क्षेत्र को कॉपोर्रेट घरानों के हाथ में लाना चाहती है और किसानों को बंदी बनाना चाहती है.'

पटना के डाक बंगला चौक में राजग नेताओं के पोस्टर और बैनर भी फाड़ दिए गए.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के पोस्टर फाड़ने से बचने की पुलिस की अपील के बाद उनकी पुलिस कर्मियों के साथ मामूली झड़प भी हुई.

भारत बंद (Bharat Band) के दौरान बस संचालन में भी देरी हुई. अधिकांश बस ऑपरेटरों ने सुबह के संचालन को रद्द कर दिया. उन्होंने शाम को परिचालन शुरू करने का फैसला किया है. पड़ोसी जहानाबाद जिले में राजद समर्थकों ने स्थानीय व्यापारियों को अपनी दुकानें बंद करने के लिए मजबूर किया.

उन्होंने ट्रकों और बसों के टायरों की हवा निकाल दी और टायर पंचर कर दिए, जिसके बाद पटना-गया एनएच 83 पर बड़ा ट्रैफिक जाम देखने को मिला. उनकी ड्राइवरों के साथ भी झड़प देखी गई और उन्होंने ड्राइवरों को आगे गाड़ी लेकर जाने से रोक दिया. गया में जाप समर्थकों ने फ्लाईओवर पर रास्ता अवरुद्ध करने के लिए बैलगाड़ी का उपयोग किया.

आरा में राजद के समर्थकों ने रेलवे स्टेशन के पास एक कार के विंड शील्ड (आगे का शीशा) को तोड़ दिया. सीपीआई (माले) समर्थकों ने आरा-मोहनिया राज्य राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया. सुपौल में, बंद समर्थकों ने ट्रेनों की आवाजाही बाधित कर दी, जिससे सुपौल-सहरसा मार्ग पर आवागमन में दो घंटे की देरी हो गई. मुजफ्फरपुर में महागठबंधन के समर्थकों ने मुजफ्फरपुर-दरभंगा राज्य राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, जिससे एनएच 57 पर बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम देखने को मिला.

(इनपुट-आईएएनएस)