कोविड से बचाव के लिए कुछ नहीं हुआ, दिल्ली-महाराष्ट्र से सीखे नीतीश सरकार: RERA चीफ
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कोविड से बचाव के लिए कुछ नहीं हुआ, दिल्ली-महाराष्ट्र से सीखे नीतीश सरकार: RERA चीफ

अफजल अमानुल्लाह ने कहा कि, जनवरी से लेकर अब तक कोविड से बचाव के लिए कुछ नहीं हुआ है. प्रशासन की दुर्गति हो चुकी है. सिस्टम को पैरालिसिस मार चुका है.

 

वर्तमान में रेरा (RERA) के चेयरमैन अफजल अमानुल्लाह ने बिहार सरकार की पोल खोल दी है.

पटना: बिहार सरकार में पूर्व स्वाथ्य सचिव और वर्तमान में रेरा (RERA) के चेयरमैन अफजल अमानुल्लाह ने बिहार सरकार की पोल खोल दी है. अमानुल्लाह बिहार सरकार के कोरोना (Corona) की रोकथाम के दौरान लचर प्रशासनिक व्यवस्था से दुखी हैं.

कोविड से बचाव के लिए कुछ नहीं हुआ
अमानुल्लाह ने कहा कि, जनवरी से लेकर अब तक कोविड से बचाव के लिए कुछ नहीं हुआ है. प्रशासन की दुर्गति हो चुकी है. सिस्टम को पैरालिसिस मार चुका है. इसकी वजह है अधिकारी, मुख्यमंत्री और मंत्री को सलाह देने और सच बताने से डरते हैं. उन्होंने सवाल किया कि, अधिकारी आखिर क्यों डरते हैं मुझे समझ नहीं आता है.

वादा पूरा करे सरकार
रेरा चेयरमैन ने मांग किया कि, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सेज को सरकार समय पर पैसा दे. सरकार ने ज्यादा पैसा देने का वादा किया था और उसको चाहिए कि, वो अपना वादा पूरा करे. सभी मेडिकल स्टाफ मन से काम करने के लिए तैयार हैं.

अब भी कुछ करने का वक्त है
अफजल अमानुल्लाह ने कहा कि, अब भी कुछ करने का वक्त है. लोग डरे हुए हैं. लोगों को सरकार सही जनकारी दें. स्वास्थ्य विभाग के एक अच्छे अधिकारी हर दिन मीडिया को ब्रीफ करें. लोगो को सिम्टम्स के आधार पर डॉक्टरी परामर्श  सरकार दे. टीवी, अखबार के जरिए ये सभी जानकारी शेयर की जाय.

80-90 फीसदी लोग घर में ठीक हो सकते हैं
उन्होंने कहा कि, सरकार को चाहिए कि वो, जिलों में डॉक्टर के साथ पब्लिक की टेलीकांफ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध कराए. जिलों में 10 से 15 चुने हुए डॉक्टर को इस काम में सरकार को लगाना चाहिए. अफजल अमानुल्लाह ने कहा कि, 80 से 90 फीसदी लोग घर पर ही ठीक हो सकते हैं. सरकार ऐसे सलाह देने वाले डॉक्टरों को 15 से 20 हजार रुपए एक्स्ट्रा दे.

महाराष्ट्र-दिल्ली से सीखे नीतीश सरकार
रेरा चेयरमैन ने कहा कि, दिल्ली, महाराष्ट्रा से नीतीश कुमार सरकार को सीख लेना चाहिए. पटना के गांधी मैदान में सरकार को 5 से 10 हजार बेड का अस्पताल बनाना चाहिए. जिले में जितने भी ग्राउंड है वहां अस्थाई अस्पताल बनाए जाएं, इसके लिए केंद्र से राज्य सरकार को मदद लेनी चाहिए.

'6 महीने में कुछ नहीं हुआ'
उन्होंने कहा कि, हेल्थ वर्कर्स, डॉक्टरों के लिए मास्क, पीपीई किट की व्यवस्था क्यों नही की गई. कोई अपनी जान जोखिम में क्यों डालेगा. 6 महीने बीत गए हैं और पैसे रहते हुए भी क्यों कुछ नहीं हुआ. सरकार प्राइवेट हॉस्पिटल से मदद ले.

'भगवान आपको माफ नहीं करेगा'
अफजल अमानुल्लाह ने कहा कि, प्लाज्मा डोनेशन (Plasma Donation) के लिए सरकार 5 हजार रुपए की राशि निर्धारित करे. उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, 'आपकी लापरवाही के लिए भगवान आपको माफ नहीं करेगा. आपको इस दुनिया में या ऊपर की दुनिया मे जवाब देना होगा. काफी दुखी होकर मुझे बोलना पड़ा. बिहार का एडमिनिस्ट्रेशन काफी अच्छा रहा है. पता नहीं क्यों इधर सारी चीजें खराब हो गईं. अगर सब चाह लें तो एक हफ्ते में सब कुछ ठीक हो सकता है.'