सहरसा जिले के सिमरीबख्तियारपुर प्रखंड क्षेत्र में नियमित टीकाकरण के बाद तबियत बिगड़ने से एक बच्चे की मौत हो गई है.
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सहरसाः बिहार के सहरसा जिले के सिमरीबख्तियारपुर प्रखंड क्षेत्र में नियमित टीकाकरण के बाद तबियत बिगड़ने से एक बच्चे की मौत होने की खबर आई है. जबकि एक अन्य बच्चे का इलाज सदर अस्पताल में किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि दोनों बच्चे जुड़वां थे.
इस घटना के बाद पीड़ित परिवारों ने टीकाकरण में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सिमरीबख्तियारपुर अनुमंडलीय अस्पताल के बरामदे पर बच्चे का शव रखकर स्वास्थ्य विभाग के विरोध जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की. परिजनों का कहना है कि तीन दिन से बच्चे को पहले से ही बुखार था और आशा द्वारा बच्चे को टीकाकरण के लिए आंगनबाड़ी केंद्र ले जाया गया.
परिजनों ने कहा कि बच्चों के बुखार के बारे में बताए जाने के बाद भी आशा दीदी ने कहा कि कोई बात नही है टिकाकरण से बच्चे को कुछ नहीं होगा. जिसके बाद दोनों जुड़वां बच्चों का टीकाकरण किया गया. लेकिन टीकाकरण के बाद जब वह घर वापस लौट तो देर रात दोनों बच्चों की तबीयत बिगड़ गई.
बच्चों को इलाज के लिए फौरन अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया. जहा. एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि दूसरे बच्चे को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. परिजनों का आरोप है कि बच्चे को पहले से बुखार था जिसके बाद टीकाकरण किए जाने की वजह से ही बच्चे की और ज्यादा तबियत बिगड़ी और मौत हुई है. परिजनों ने मामले की जांच कर दोषी स्वास्थ्य कर्मी पर कार्रवाई करने की मांग की है.
वहीं, इस मामले पर सिमरीबख्तियारपुर अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक का कहना है कि एएनएम से पता चला है कि बच्चे के परिजनों द्वारा नहीं बताया गया कि बच्चे पहले से बीमार थे. और टीकाकरण के समय बच्चे को बुखार नहीं था. जबकि उसी दिन अन्य बुखार से पीड़ित बच्चों को वापस कर दिया गया. शेष अन्य बच्चों का टीकाकरण किया गया अन्य सभी बच्चे सुरक्षित है.
बहरहाल, अस्पताल उपाधीक्षक ने जांच करने की बात कही है. आगे देखने वाली बात होगी कि आखिर बच्चे की मौत वाकई स्वास्थ्य कर्मियों के लापरवाही से हुई या किसी अन्य कारणों से यह घटना घटी.