मृतक को परिजनों ने पहले गांव में ही डॉक्टर से बेटी का इलाज कराया. स्वास्थ्य में सुधार न होता देख परिजनों ने एक प्राइवेट अस्पताल में उपचार कराया.
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बांका : उत्तर बिहार का बांका जिला इन दिनों चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से परेशान है. खतरनाक रूप धारण कर चुकी इस बीमारी से बीती रात को चांदन प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कुसुमजोरी पंचायत के फत्तेपुर निवासी अरविंद यादव की छह वर्षीय मासूम जूही कुमारी काल के गाल में समा गई. जबकि डोमा जान निवासी तिरो खेरा की डेढ़ साल की बेटी प्रियंका कुमारी इसकी चपेट में है. प्रियंका का भैरोगंज स्थित एक प्राइवेट क्लीनिक में उपचार कराया जा रहा है. उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है.
मृतक को परिजनों ने पहले गांव में ही डॉक्टर से बेटी का इलाज कराया. स्वास्थ्य में सुधार न होता देख परिजनों ने एक प्राइवेट अस्पताल में उपचार कराया. स्थिति गंभीर होते देख डॉक्टर ने देवघर रेफर कर दिया. देवघर से उसे बेहतर उपचार के लिए पटना रेफर कर दिया गया. पटना ले जाने के क्रम में रास्ते में ही जूही ने दम तोड़ दिया.
वहीं, चांदन पीएचसी के तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम मृतक के गांव पहुंचकर स्थिति का जाएजा लिया. प्रभावित गांव में जाकर जरूरी टिप्स भी दिए. डॉक्टरों ने परिजनों से बच्चों का विशेष ख्याल रखने की नसीहत दी है. साथ ही दिन में 2 से 3 बार शरीर को गीले कपड़े से पोंछने की सलाह दी है.
पीएचसी प्रभारी ऐके सिन्हा ने बताया कि मृतक के परिजन उपचार के लिए पीएचसी नहीं पहुंचे. मामला संज्ञान में आने के बाद प्रभावित गांव का दौरा कर इससे बचाव के लिए जागरूक किया.
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