'एक देश एक चुनाव' बेहतर विचार है, पर यह आगामी आम चुनाव में संभव नहीं: नीतीश कुमार
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'एक देश एक चुनाव' बेहतर विचार है, पर यह आगामी आम चुनाव में संभव नहीं: नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 'एक देश एक चुनाव' बेहतर विचार है, पर यह आगामी आम चुनाव में संभव नहीं है.

नीतीश लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने की पूर्व में कई बार वकालत कर चुके हैं.(फाइल फोटो)

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 'एक देश एक चुनाव' बेहतर विचार है, पर यह आगामी आम चुनाव में संभव नहीं है. पटना के अधिवेशन भवन में अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के शुभारंभ के लिए आयोजित एक कार्यक्रम के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह बात कही. पत्रकारों ने उनसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के उक्त मुद्दे को लेकर विधि आयोग को लिखे गए पत्र के बारे में उनसे प्रतिक्रिया मांगी थी. नीतीश लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने की पूर्व में कई बार वकालत कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि यह बेहतर विचार है पर मौजूदा परिस्थिति में यह संभव नहीं है. इस समय लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ नहीं कराया जा सकता है. इसके लिए अभी उचित समय नहीं आया है. 

एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर पीएम मोदी के साथ आए इस राज्य के मुख्यमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में एकसाथ चुनाव कराने के पक्ष में हैं. इस पहल से जनता का पैसा और समय, दोनों की बचत होगी. इसके लिए उन्होंने अन्य दलों से भी राय मांगी है. खुद चुनाव आयोग का कहना है कि आयोग देश में एक साथ चुनाव कराने की स्थिति में है. कुछ दलों ने प्रधानमंत्री के इस सुझाव का समर्थन भी किया है. अब इस कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है और वे हैं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक.नवीन पटनायक ने कहा, 'लोकतंत्र में चुनाव आवश्यक हैं. हम जनता द्वारा काम करने के लिए चुने जाते हैं, लेकिन ये भी सही है कि लगातार चुनाव होते रहने से विकास के कामों पर असर पड़ता है. इसलिए, हम एक साथ चुनाव कराए जाने की प्रधानमंत्री की अपील का समर्थन करते हैं.' 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में देश में एक साथ चुनाव कराए जाने का विचार रखा था. इसके लिए उन्होंने जनता की राय भी मांगी थी. एक सर्वे के मुताबिक, भारत में हर साल 5-6 चुनाव होते हैं. चुनावों के कारण आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है और कम से कम 45 दिनों तक सरकारी कामकाज रुक जाते हैं. 

इनपुट भाषा से भी