झारखंड: वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए प्लांड बजट का सिर्फ 20% हुआ खर्च, शुरू हुई सियासत
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झारखंड: वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए प्लांड बजट का सिर्फ 20% हुआ खर्च, शुरू हुई सियासत

इसके अलावा खाद्य आपूर्ति विभाग में 23.02 फीसदी, स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं शिक्षा में 23.42 फीसदी, ग्रामीण विकास विभाग में 33.47 फीसदी कुल खर्च और गृह कारा एवं आपदा विभाग में 44.50 फीसदी खर्च किया गया है.

झारखंड: वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए प्लांड बजट का सिर्फ 20% हुआ खर्च, शुरू हुई सियासत.

रांची: झारखंड में वित्तीय वर्ष 2020-21 में 20 सितंबर तक कुल प्लांड बजट की महज लगभग 20 फीसदी राशि ही खर्च हो पाई है. विभागवार बात करें कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता में 0.12 फीसदी ही राशि खर्च हो पाई है. भवन निर्माण में 1.71 फीसदी राशि खर्च हुई है.

श्रम नियोजन में 2.37 फीसदी खर्च, वन पर्यावरण में 6.45% राशि खर्च, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में -10.16% खर्च, ऊर्जा विभाग में 11.23 फीसदी, पथ निर्माण में 12.19 फीसदी, पेयजल एवं स्वच्छता में 14.12 फीसदी, नगर विकास विभाग में 18.61% खर्च हो पाई है. 

इसके अलावा खाद्य आपूर्ति विभाग में 23.02 फीसदी, स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं शिक्षा में 23.42 फीसदी, ग्रामीण विकास विभाग में 33.47 फीसदी कुल खर्च और गृह कारा एवं आपदा विभाग में 44.50 फीसदी खर्च किया गया है.

साथ ही सितंबर माह तक कुल लगभग 20 फीसदी ही राशि खर्च होने और कृषि विभाग में महज एक फीसदी भी बजट की राशि खर्च नहीं हो पाने पर कृषि मंत्री बादल ने कहा कि अन्य सालों की तरह ये साल नहीं है. कोरोना काल मे उद्योग धंधे बन्द हैं. ऑफिस बन्द रहा. कई बाधाएं हैं. 

विकास के काम तो अब शुरू हुए हैं. देश के बाकी राज्यों के हालत भी ऐसी ही है. कृषि विभाग तो एक झटके में 2 हजार करोड़ की कर्जमाफी करने जा रहा है.अब खर्च भी बढ़ेगा ,इस पर छीटाकशी नहीं होनी चाहिए.

ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड विधानसभा में हमेशा इस बात की चर्चा होती रही है. बजट राशि दिसंबर तक 10 से 25 फीसदी तक ही खर्च हो पाता है. कभी भी नहीं दिखा कि 40 फीसदी खर्च हुआ है. इस बार तो परिस्थिति विपरीत है. लॉकडाउन के कारण हर विभाग ठीक से काम नहीं कर पाया. खजाना खाली रहने के कारण भी काम बाधित हुआ. काम का रफ्तार घटा. नवंबर में काम का रफ्तार बढेगा.

जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि संक्रमण काल है. सभी चीजें थम सी गयी थीं. काम हो नहीं पा रहा था. अब स्थिति सामान्य हो रही है. संकट काल में स्थिति संतोषप्रद है.
   
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य सरकार के पास काम करने का कोई विजन नहीं है. सरकार की मशीनरी फेल है. सरकारी पदाधिकारी निष्क्रिय है. पूरी सरकार और प्रशासनिक मशीनरी कोई काम नहीं कर रहा है. बजट का जो प्रावधान है, जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी दी गयी है, पर खर्च नहीं कर पा रहे हैं. कृषि विभाग में तो कोई काम नहीं हुआ है.