रांची: झारंखड में विपक्षी पार्टियों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास (Raghubar Das) के खिलाफ लड़ रहे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बागी नेता सरयू राय (Saryu Rai) को अपना नैतिक समर्थन दिया है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि चुनाव के बाद क्या वह विपक्ष का चेहरा बनेंगे? नामांकनपत्र भरने के दौरान सरयू राय ने कहा, 'यह डर और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक लड़ाई है.'
सरयू राय पिछले पांच साल से विपक्षी पार्टियों को अपनी ही सरकार के खिलाफ कोई न कोई मद्दा देते रहे हैं. बीजेपी के खिलाफ सरयू राय के बयानों का लाभ लेने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने पहले भी राय को कई बार कहा था कि यदि वह यह मानते हैं कि रघुवर दास की सरकार भ्रष्ट है, तो उन्हें चाहिए कि वह इस्तीफा दे दें.
जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने सरयू राय के मामले को बीजेपी के खिलाफ ईमानदारी बनाम भ्रष्टाचार का मुद्दा बनाने का संकेत दिया. अवसर को भांपते हुए सोरेन ने सभी गैर-बीजेपी दलों से जमशेदपुर पूर्वी सीट पर सरयू राय का समर्थन करने की अपील की. यहां से रघुवर दास चुनाव लड़ रहे हैं.
सरयू राय रविवार तक रघुवर दास के मंत्रिमंडल में खाद्य और आपूर्ति मंत्री थे. उन्होंने बीजेपी में रहते हुए एक ईमानदार और बेबाक नेता की छवि कायम की. अब बागी बनकर उन्होंने बीजेपी नेताओं को भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
जेएमएम के सूत्रों ने कहा है कि राय के बयानों का इस्तेमाल सोरेन सिर्फ मुख्यमंत्री के खिलाफ ही नहीं करेंगे, बल्कि राज्य में बीजेपी के खिलाफ लहर बनाने के लिए भी करेंगे.
जेएमएम के महासचिव ने आईएएनएस से कहा, 'सरयू राय ने सही और गंभीर प्रश्न पूछे हैं, बीजेपी को चाहिए की वे इसका जवाब दें. पिछले पांच सालों से जेएमएम भूमि अधिनियम संशोधन, रोजगार, किसानों के मुद्दों विधानसभा के अंदर और बाहर उठाती रही है.'