एक लाख से अधिक प्रतिदिन कोरोना जांच कराना हमारा लक्ष्य: नीतीश कुमार
Advertisement

एक लाख से अधिक प्रतिदिन कोरोना जांच कराना हमारा लक्ष्य: नीतीश कुमार

सीएम ने कहा कि, केन्द्र सरकार से आग्रह है कि 3000 हाई फ्लो नेजल कैनुला उपलब्ध कराई जाए, जिससे गंभीर लक्षण वाले मरीजों को भी ऑक्सीजन की उपलब्धता आसानी से हो सके.

सीएम नीतीश ने कहा कि, जुलाई महीने से बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं. (फाइल फोटो)

पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा कोविड-19 (COVID-19) की अद्यतन स्थिति को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक हुई. इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) भी शामिल हुए.

इस दौरान, सीएम नीतीश ने कहा कि, जुलाई महीने से बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं. अब तक राज्य में 82 हजार 741 कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं, जिनमें एक्टिव मरीज 28 हजार 151 हैं.  54 हजार 139 मरीज स्वस्थ होकर कर अपने घर जा चुके हैं और अब तक 450 लोगों की मौत हो चुकी है.
 
उन्होंने कहा कि, राज्य का रिकवरी रेट 65.43 प्रतिशत है. पहले से जांच की संख्या अधिक होने से पॉजिटिव केसेज 7.5 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत पर आ गए हैं. राज्य का मृत्यु दर 0.54 प्रतिशत है. अब तक कुल 10 लाख 97 हजार 252 लोगों के कोरोना संक्रमण की जांच की जा चुकी हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि, हमलोग प्रतिदिन कोरोना संक्रमण जांच की संख्या बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं. अब प्रतिदिन 75 हजार 346 जांच की जा रही है. 6100 जांच आरटीपीसीआर मशीन द्वारा की जा रही है, जिसमें सरकारी जांच केंद्रों पर 4900 और निजी जांच केंद्रों पर 1200 जांच किए जा रहे हैं. 4400 जांच ट्रू-नेट मशीन द्वारा की जा रही है और 65 हजार जांच रैपिड एंटीजन किट्स के द्वारा की जा रही है.

उन्होंने कहा कि, प्राइमरी हेल्थ सेंटर तक जांच की व्यवस्था की गई है. सभी कंटेनमेंट जोन में 100 प्रतिशत
जांच कराई जा रही है. बाढ़ राहत केंद्रों और सामुदायिक रसोइ  केंद्रों पर भी सभी लोगों की कोरोना संक्रमण की जांच कराई जा रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि, राज्य में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए त्रिस्तरीय इलाज की व्यवस्था की गई है. 310 कोविड केयर सेंटर, 150 डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर और 10 मेडिकल कॉलेजों में डेडिकेटेड कोविड हेल्थ अस्पताल कार्यरत हैं. अभी 32 हजार 124 बेड उपलब्ध हैं, जिनकी संख्या बढ़ाकर 70 हजार करने की कोशिश की जा रही है. 10 हजार 482 ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध हैं, जिसमें 2482 ऑक्सीजन गैस पाइप के माध्यम से तथा  8 हजार ऑक्सीजन सिलिंडर के माध्यम से बेडों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है.

उन्होंने कहा कि, होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को निःशुल्क मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. उन्हें टेली मेडिसिन और मेडिकल किट्स भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. कॉल सेंटर के माध्यम से मरीजों के दैनिक स्वास्थ्य की जानकारी ली जा रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि. मैं केंद्र सरकार को इस बात के लिए धन्यवाद देता हूं कि, पीएम केयर फंड के माध्यम से 500 बेड के दो कोविड अस्पतालों का निमार्ण पटना के पास बिहटा और मुजफ्फरपुर में कराया जा रहा है. राज्य का जनसंख्या घनत्व 1102 है, जो कि राष्ट्रीयसत 382 की तुलना में काफी अधिक है. जनसंख्या घनत्व अधिक होने के कारण इस तरह
की परिस्थितियों से निपटने में और ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है.

उन्होंने कहा कि हमलोग प्रतिदिन 75 हजार से ऊपर जांच कर रहे हैं. लेकिन इसमें सबसे महत्वपूर्ण जांच आरटीपीसीआर जांच है, जो अभी 6100 की संख्या में ही की जा रही है. इसकी संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. 5 और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आरटीपीसीआर जांच की व्यवस्था की जा रही है, जिससे जांच की संख्या 2300 और
बढ़ जाएगी. शीघ्र ही 10 आरटीपीसीआर मशीन और आरएन एक्सट्रक्टर मशीन की खरीद की जाएगी, जिससे 5 हजार जांच की क्षमता और बढ़ेगी.

उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार से आग्रह है कि दो कोवास-8800 मशीन बिहार को उपलब्ध कराई जाये जिससे प्रतिदिन जांच की संख्या 7200 और बढ़ जाएगी. इस तरह हमलोग आरटीपीसीआर जांच 20 हजार 600 प्रतिदिन कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि, 10 लीटर अथवा अधिक की क्षमता वाले 5000 ऑक्सीजन कान्सेन्ट्रेटर की आपूर्ति की जाए, जिससे ऑक्सीजन युक्त बेडों की संख्या शीघ्र बढ़ाई जा सके.

सीएम ने कहा कि, केन्द्र सरकार से आग्रह है कि 3000 हाई फ्लो नेजल कैनुला उपलब्ध कराई जाए, जिससे गंभीर लक्षण वाले मरीजों को भी ऑक्सीजन की उपलब्धता आसानी से हो सके. इससे मरीजो का 40-60 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन दिया जा सकता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि, हमलोगों का लक्ष्य है, प्रतिदिन 1 लाख से अधिक कोरोना संक्रमण की जांच हो. बिहार में हम सभी लोगों की टेस्टिंग कराना चाहते हैं, जिससे कोरोना संक्रमितों की पहचान कर उनका बचाव किया जा सके. लोगों को कोरोना सक्रमण के प्रति जागरुक किया जा रहा है. 90 प्रतिशत से अधिक लोग अब मास्क का प्रयोग कर रहे हैं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि, 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग, 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे-बच्चियों, गर्भवती महिलाओ एवं अन्य गंभीर बीमारी से  ग्रस्त व्यक्तियों को जरुरी होने पर ही बाहर निकलने की सलाह दी जा रही है, अन्यथा उन्हें घर में ही रहने को कहा जा रहा है. कोरोना संक्रमण पूरी दुनिया में फैला हुआ है और ये कब तक चलेगा यह कहा नहीं जा सकता है.