पप्पू के बयान पर सियासी जगत में उबाल, BJP बोली- उनका कोई वैचारिक राजनीतिक आधार नहीं
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पप्पू के बयान पर सियासी जगत में उबाल, BJP बोली- उनका कोई वैचारिक राजनीतिक आधार नहीं

पप्पू यादव के तीन साल में बिहार नहीं बदलने पर राजनीती से सन्यास की घोषणा बेतुका है. पप्पू यादव का कोई वैचारिक राजनीतिक आधार नहीं है. वो केवल अपने और अपनी पत्नी के लिए राजनीति कर रहे हैं. 

पप्पू के बयान पर सियासी जगत में उबाल, BJP बोली- उनका कोई वैचारिक राजनीतिक आधार नहीं.

गया: जैसे-जैसे चुनाव की तिथि नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे नेताओं की सरगर्मी भी बढ़ती जा रही है. जनता के हितैषी कहने वाले नेताओं के सुर बेसुरे होते जा रहे हैं. गया जिले के शेरघाटी विधानसभा उम्मीदवार ओमेर खान उर्फ टिक्का खान के समर्थन में जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव (Pappu Yadav) की ओर से जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस दौरान उन्होंने 30 साल बनाम 3 साल का चैलेंज दे दिया.

कार्यक्रम में कोविड 19 के किसी भी गाइडलाइंस का कोई भी पालन नहीं किया गया था. वही कार्यक्रम में शामिल कोई भी नेता, कार्यकर्ता या सभा में मौजूद भीड़ में शामिल किसी भी ग्रामीणों ने न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया और न ही किसी के चेहरे पर मास्क था.

वही, सभा को संबोधित करते हुए जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और लालू ने बिहार के हिन्दू-मुसलमानों के हाथों में पत्थर दिया है. पीएम पर निशाना साधते हुए उन्होंने उन्हें 71 साल के जुमलेबाज व झूठ का ठीकेदार बताया. अब उनकी उम्र बुजुर्ग मंडली में खड़ी होने की है. 

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बीच अंबानी और अडानी जैसे जमींदारों को पैदा करने का काम किया है. उनकी नियत अच्छी नहीं है. उनके इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रिया शुरू हो गई है. बीजेपी नेता निखिल आनंद ने कहा कि गया में पप्पू यादव के तीन साल में बिहार नहीं बदलने पर राजनीती से सन्यास की घोषणा बेतुका है. पप्पू यादव का कोई वैचारिक राजनीतिक आधार नहीं है. वो केवल अपने और अपनी पत्नी के लिए राजनीति कर रहे हैं. 

बीजेपी नेता ने कहा कि डील किसी तरह हो जाए, इसलिए ऐसे बयान दे रहे हैं. पप्पू यादव की राजनीतिक पृष्ठभूमि कैसी रही है, ये सब जानते हैं. केवल अपने समर्थकों को गोल-गोल घूमा रहे हैं.

पप्पू यादव के तीन साल में बिहार बदलने या फिर सन्यास लेने के बयान पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि कौन क्या बोलता है इस पर हमारी पार्टी कुछ नहीं बोलेगी, लेकिन बिहार का भविष्य तेजस्वी यादव में है. बिहार के लोग उनमें अपना मुक्कदर देख रहे हैं.

इस मामले पर आरएलएसपी के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने कहा कि पप्पू यादव से चूक हो गई है. भाषा के चयन में सावधानी बरतनी चाहिए. संभव है कि उनके भाव सही हों लेकिन सियासी जिंदगी में भाषा का काफ़ी महत्व है.

साथ ही बेतिया से कांग्रेस विधायक मदन मोहन तिवारी ने कहा कि पप्पू यादव और ओवैसी जैसे लोग बीजेपी के एजेंट हैं. बीजेपी से पैसा लेते हैं. उनके पैसे पर चुनाव लड़ते हैं और महागठबंधन का वोट खराब करते हैं, लेकिन बस कुछ दिन बाकी है. इनको जनता सबक सिखा देगी कि इस तरीके की हरकत का परिणाम क्या होता है.