झारखंड: पैसेंजर और टाटा-एल्लेपी ट्रेन नहीं चलने से यात्रियों में मायूसी, की यह मांग
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झारखंड: पैसेंजर और टाटा-एल्लेपी ट्रेन नहीं चलने से यात्रियों में मायूसी, की यह मांग

छोटे स्टेशन से रेल यात्रा करने वाले लोगों के लिए चक्रधरपुर रेल मंडल के द्वारा कोई पहल नहीं किए जाने से लोग मायूस हैं. टाटा-एल्लेपी लिंक ट्रेन को भी दोबारा चलाये जाने की सूचना नहीं है. 

 

पैसेंजर और टाटा-एल्लेपी ट्रेन नहीं चलने से यात्रियों में मायूसी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

आनंद/चाईबासा: झारखंड के चक्रधरपुर रेल मंडल में कोरोना (Corona) के कारण बाधित हुई ट्रेनों का परिचालन अबतक सामान्य नहीं हो पाया है. देश में दो-दो वैक्सीन आ चुकी है, स्कूल-कॉलेज भी सामान्य रूप से खुलने लगे हैं. लेकिन चक्रधरपुर रेल मंडल में पैसेंजर ट्रेन ना के बराबर चल रही हैं. यहा तक की कुछ ट्रेनों को अब पूरी तरह से ही बंद कर दिया गया है, जिसके कारण चक्रधरपुर और आसपास के लोगों में रेल मंडल के प्रति खासी नाराजगी है.

छोटे स्टेशन से रेल यात्रा करने वाले लोगों के लिए चक्रधरपुर रेल मंडल के द्वारा कोई पहल नहीं किए जाने से लोग मायूस हैं. टाटा-एल्लेपी लिंक ट्रेन को भी दोबारा चलाये जाने की सूचना नहीं है. क्योंकि इस ट्रेन को पूरी एक रेक के साथ धनबाद से चलाया जा रहा है. दक्षिण की ओर जाने के लिए यह ट्रेन बहुत खास मानी जाती थी. यह ट्रेन भी चक्रधरपुर और आसपास के यात्रियों के हाथ से निकल गई.

इसके विपरीत पश्चिम बंगाल सहित अन्य रेल मंडलों में ट्रेनों का परिचालन सामान्य हो चुका है. पैसेंजर ट्रेनें धड़ल्ले से चलाई जा रही हैं. लाइफ लाइन मानी जाने वाली रेलवे हर तरफ पटरी पर लौट रही है. लेकिन चक्रधरपुर रेल मंडल में लोग ट्रेनों के लिए तरस रहे हैं.

वहीं, टाटानगर से राउरकेला के बीच ट्रेनों की मांग चारों तरफ से उठ रही है. लेकिन रेलवे के द्वारा इस मांग को पूरा करने के लिए कोई सार्थक कदम अब तक उठाया नहीं जा रहा है. इसपर सीनियर डीसीएम मनीष कुमार पाठक ने बताया है कि बहुत जल्द इस्पात एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन शुरू होने वाला है जिससे लोगों की समस्या का समाधान हो सकता है. लेकिन यह भी समझना जरुरी है कि इस्पात एक्सप्रेस सुपरफास्ट ट्रेन है और यह ट्रेन छोटे स्टेशन के यात्रियों की पहुंच से दूर ही रहेगी. 

कुल मिलकर कहें तो चक्रधरपुर रेल मंडल में मालगाड़ियां तो सैकड़ों चल सकती है. लेकिन पैसेंजर ट्रेन चलाने में रेलवे के हाथ-पांव फूल जाते हैं. रेलवे में यात्रा अब गरीबों के लिए सपना बनता दिखता नजर आने लगा है.