आईआरसीटीसी होटल आवंटन के मामले में ईडी ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.
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नई दिल्ली : राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आईआरसीटीसी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट पर अब दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में 17 सितंबर को सुनवाई होगी. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा फाइल की गई चार्जशीट में लालू यादव के करीबी और पूर्व मंत्री प्रेमचंद्र गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता का भी नाम शामिल है. साथ ही तत्कालीन एमडी बीके अग्रवाल का नाम भी शामिल है. अब अगली सुनवाई में तय होगा कि कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान लेगा कि नहीं.
आईआरसीटीसी होटल आवंटन के मामले में ईडी ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. चार्जशीट में कई अहम खुलासे किए गए हैं.
Delhi's Patiala House Court has fixed 17th September as the date to decide whether to take cognizance of Enforcement Directorate's chargesheet in IRCTC scam case. ED had earlier filed it's chargesheet against Lalu Prasad Yadav, Rabri Devi, Tejaswi Yadav and others.
— ANI (@ANI) September 11, 2018
आईआरसीटीसी होटल टेंडर घोटाले में पटियाला हाउस कोर्ट ने 31 अगस्त (शुक्रवार) को लालू प्रसाद यादव के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया गया था. अदालत ने लालू को आगामी 6 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने के आदेश जारी किए हैं, लिहाजा उन्हें पेशी के लिए रांची से दिल्ली लाया जाएगा. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से लालू यादव की पेशी के लिए प्रोडक्शन वारंट की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.
इससे पहले लालू यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव सहित सभी 14 आरोपियों को राहत देते हुए जमानत दे दी थी. कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी.
क्या है पूरा मामला?
यह मामला इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आईआरसीटीसी) द्वारा रांची और पुरी में चलाए जाने वाले दो होटलों की देखरेख का काम सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को देने से जुड़ा है. विनय और विजय कोचर इस कंपनी के मालिक हैं. इसके बदले में कथित तौर पर लालू को पटना में बेनामी संपत्ति के रूप में तीन एकड़ जमीन मिली. एफआईआर में कहा गया था कि लालू ने निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया. इसके बदले में उन्हें एक बेनामी कंपनी डिलाइट मार्केटिंग की ओर से बेशकीमती जमीन मिली.सुजाता होटल को ठेका मिलने के बाद 2010 और 2014 के बीच डिलाइट मार्केटिंग कंपनी का मालिकाना हक सरला गुप्ता से राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के पास आ गया. हालांकि इस दौरान लालू रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके थे.