चार्जशीट पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने संज्ञान लेने या न लेने के सम्बंध में अपना आदेश सुरक्षित रखा लिया है.
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नई दिल्ली/पटना : इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में घिरी लालू परिवार के खिलाफ दाखिल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट पर दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने संज्ञान लेने या न लेने के सम्बंध में अपना आदेश सुरक्षित रखा लिया है. आज (सोमवार की) शाम चार बजे कोर्ट आदेश सुनाएगा.
दरअसल, ईडी की चार्जशीट में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव सहित 14 आरोपी हैं. ईडी ने कोर्ट से लालू यादव सहित अन्य लोगों के खिलाफ समन जारी करने की मांग की है.
IRCTC scam case: Enforcement Directorate had demanded production of RJD chief Lalu Yadav and summons for other accused in the case. Order on cognizance of chargesheet reserved for later today.
— ANI (@ANI) September 17, 2018
बता दें कि आईआरसीटीसी होटल आवंटन मामले में सीबीआई के बाद ईडी ने पटियाला हाउस कोर्ट में लालू एंड फेमली के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में ईडी ने कई अहम सबूत की बात कही है. चार्जशीट में ईडी ने लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव, पूर्व मंत्री प्रेमचंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी सरला गुप्ता और तत्कालीन एमडी बीके अग्रवाल के अलावा अन्य लोगों को आरोपी बनाया है.
गौरतलब है कि आईआरसीटीसी टेंडर मामले में जहां एक ओर घोटाले की सीबीआई जांच कर रही वहीं, ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है. इससे पहले सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीट पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए लालू एंड फैमिली को तलब किया था. तेजस्वी यादव और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से 31 अगस्त को राहत मिल गई थी. तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और अन्य आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिली थी जबकि जेल में रहने की वजह से लालू यादव कोर्ट में पेश नहीं हो सकते थे, इसलिए कोर्ट ने सीबीआई की मांग पर प्रोडक्शन वारंट जारी कर लालू यादव को 6 अक्टूबर को पेश होने का निर्देश दिया था.
क्या है पूरा मामला?
आईआरसीटीसी द्वारा रांची और पुरी में चलाए जाने वाले दो होटलों की देखरेख का काम सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को देने से जुड़ा है. विनय और विजय कोचर इस कंपनी के मालिक हैं. इसके बदले में कथित तौर पर लालू को पटना में बेनामी संपत्ति के रूप में तीन एकड़ जमीन मिली. एफआईआर में कहा गया था कि लालू ने निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया. इसके बदले में उन्हें एक बेनामी कंपनी डिलाइट मार्केटिंग की ओर से बेशकीमती जमीन मिली.
सुजाता होटल को ठेका मिलने के बाद 2010 और 2014 के बीच डिलाइट मार्केटिंग कंपनी का मालिकाना हक सरला गुप्ता से राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के पास आ गया. हालांकि इस दौरान लालू रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके थे.