सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि अधिकारियों को शर्मिंदा करने के लिए कोर्ट में नहीं बुलाया जाता है, बल्कि जानकारी लेकर सरकार को निर्देश देने के लिए बुलाया जाता है.
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पटना : पटना हाईकोर्ट ने शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर गंभीर टिप्पणी की है. कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान पटना को देश का सबसे गंदा शहर करार दिया. साथ ही कहा कि यहां नागरिक सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है. कोर्ट ने ड्रेनेज सिस्टम, साफ-सफाई और यातायात व्यवस्था के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि यहां इनमें से कुछ भी दुरुस्त नहीं है.
न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी और न्याययमूर्ति नीलू अग्रवाल की पीठ के द्वारा अधिवक्ता शंभू शरण सिंह की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई हो रही थी. कोर्ट ने पटना नगर निगम को लेकर कई गंभीर टिप्पणी किए. पीठ ने कहा कि पटना नगर निगम का इतिहास है कि काम करने वाले अधिकारी ज्यादा समय तक नहीं टिक पाते हैं. गंदगी हटाने से पहले ही अच्छे अधिकारी नगर निगम से हटा दिए जाते हैं.
कोर्ट ने कहा कि लोग रिजल्ट चाहते हैं, न कि अधिकारियों के बीच चल रही खींचतान. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि अधिकारियों को शर्मिंदा करने के लिए कोर्ट में नहीं बुलाया जाता है, बल्कि जानकारी लेकर सरकार को निर्देश देने के लिए बुलाया जाता है.
कोर्ट की फटकार के बाद गंदगी और अतिक्रमण सहित जलजमाव को लेकर पटना नगर निगम ने एक टॉल फ्री नंबर (0612-2200634, 9798261371-72) जारी किया है. साथ ही 24 घंटे में व्यवस्था दुरुस्त करने का दावा भी किया है. हाईकोर्ट ने संबंधित पादधिकारियों को फटकार लगाने के साथ-साथ छह सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है.