पटना के मोइनुल हक स्टेडियम (Moin-ul-Haq Stadium) में अगले महीने से शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी मुकाबले खेले जानें हैं. लेकिन मैदान की वर्तमान तैयारियां मैच को लेकर सवाल खड़े कर रही है.
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पटना: पटना के राजेंद्र नगर स्थित मोइनुल हक स्टेडियम को फिर से तैयार किया जा रहा है. अगले महीने से इस मैदान पर रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के मुकाबले खेले जाएंगे, लेकिन एक महीने में ये स्टेडियम तैयार हो सकेगा इसको लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. बारिश के बाद स्टेडियम में काफी दिनों तक जलजमाव रहा है. हालांकि बिहार क्रिकेट संघ का दावा है कि समय रहते स्टेडियम को तैयार कर लिया जाएगा. लेकिन वर्तमान स्थिति में दर्शक दीर्घा, बाउंड्री वॉल बीसीए (BCA) के दावों की पोल खोलते हैं.
बता दें कि 1996 क्रिकेट विश्व कप के दौरान जिंबाब्वे और केन्या के बीच मैच की मेजबानी करने वाला मोइनुल हक स्टेडियम (Moin-ul-Haq Stadium) को एक बार फिर से बिहार क्रिकेट संघ तैयार करा रहा है. बीते साल भी इस स्टेडियम को बीसीए ने तैयार कराया था, लेकिन बीते वर्ष के हालात और इस बार के हालात में काफी अंतर हैं. दरअसल सितंबर महीने के आखिर में हुई भारी बारिश के कारण राजधानी के जिन हिस्सों को भीषण जलजमाव का सामना करना पड़ा था उसमें राजेंद्र नगर भी था.
इसी राजेंद्र नगर में मशहूर मोइनुल हक स्टेडियम भी है. फिलहाल बीसीए इस स्टेडियम को तैयार कराने में जुटा है. बीसीए के पिच क्यूरेटर देवी शंकर मोइनुल हक स्टेडियम को रणजी ट्रॉफी के फील्ड के लायक बना रहे हैं. उनका दावा है कि महीने भर के अंदर मैदान तैयार हो जाएगा.
देवी शंकर ने कहा कि पहले यहां काफी जलजमाव था. साथ ही कुछ दिन पहले ग्राउंड का नक्शा निकाला गया है. उन्होंने कहा कि बिहार क्रिकेट संघ से 45 दिनों का समय लिया गया है और अभी एक महीने कम से कम वक्त चाहिए.
आपको बता दें कि मोइनुल हक स्टेडियम में रणजी ट्रॉफी के तहत 17 दिंसबर को बिहार का मुकाबला मेघालय से होना है. अब सवाल उठता है कि क्या महीने भर में मोइनुल हक स्टेडियम तैयार हो पाएगा. दरअसल मैदान को तैयार करने में हाथ यानि मेनुअल के साथ-साथ मशीनों की भी अहम भूमिका होती है. मजदूरों के सहारे मैदान में जो काम हो सकता था वो हो चुका है, लेकिन मशीन के जरिए काफी काम बाकी है.
मोइनुल हक स्टेडियम में खराब हो चुके पांच टर्फ विकेट को दुरूस्त किया जा रहा है. लेकिन दिक्कत ये है कि जलजमाव के कारण जिन मशीनों के जरिए फील्ड को बेहतर बनाया जा सकता था, वो मशीनें खराब पड़ी हैं. इन मशीनों को ठीक करने में कोलकाता से आए मेकेनिक लगे हैं. रोलर्स के जरिए मैदान को दुरूस्त किया गया है और फील्ड पर घास लगाई गई है. इसके साथ ही पिच को प्लास्टिक की मोटी शीट से ढका गया है.
बिहार क्रिकेट संघ के मुताबिक, क्रिकेट की गतिविधियों के लिए बीसीसीआई (BCCI) से 10 करोड़ रुपए इसी साल अप्रैल में मिले हैं. रणजी ट्रॉफी के मैच भी इसी रकम से होंगे. बीसीए के साथ दिक्कत ये है कि जिस मोइनुल हक स्टेडियम पर मैच होंगे वो बिहार सरकार ने अस्थाई रूप से अप्रैल 2020 तक के लिए दिए हैं. इस स्टेडियम के एक महीने का किराया 50 हजार होता है जो बिहार क्रिकेट संघ अदा कर रहा है. इसके बावजूद मोइनुल हक स्टेडियम की जो सूरत होनी चाहिए थी वो नहीं है.
इस स्टेडियम की दर्शक दीर्घा पूरी तरह खराब है और स्कोर बोर्ड भी काम नहीं कर रहा है. स्टेडियम और दर्शक दीर्घा के बीच जो बाउंड्रीवॉल है उसके आसपास अब भी जलजमाव है. ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने के कारण पानी बाहर नहीं निकल रहा है.
एक नजर रणजी ट्रॉफी के तहत बिहार के मुकाबलों पर-