नगर निगम की आधी अधूरी तैयारी से बारिश में डूबने के लिए तैयार रहें पटना
Advertisement

नगर निगम की आधी अधूरी तैयारी से बारिश में डूबने के लिए तैयार रहें पटना

राजधानी पटना बारिश में एक बार फिर डूबने के लिए तैयार है. वजह है बारिश के बाद होने वाले जलजमाव से निपटने के लिए पटना नगर निगम की आधा अधूरी तैयारी. 

पटना के नाले अभी तक नगर निगम ने साफ नहीं कराई है. (फाइल फोटो)

पटनाः राजधानी पटना बारिश में एक बार फिर डूबने के लिए तैयार है. वजह है बारिश के बाद होने वाले जलजमाव से निपटने के लिए पटना नगर निगम की आधा अधूरी तैयारी. जून का पहला हफ्ता बीत चुका है और निगम के सबसे बड़े अधिकारी भी मानते हैं कि जिस रफ्तार से नालों की सफाई होनी चाहिए थी वो नहीं हुई है ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा कि क्या पटना बारिश में एक बार फिर डूबेगी या पहले की गलतियों से निगम ने सबक लिया है.

पटना में बाऱिश के दौरान और उसके बाद जलजमाव की समस्या कोई नई नहीं है. अक्सर ये भी देखा जाता है कि नालों की सफाई नहीं होने के कारण इसका पानी सड़क और घरों में आ जाता है.दरअसल राजधानी पटना के निगम इलाके में 9 बड़े नाले हैं जिसकी सफाई का काम अप्रैल से चल रहा है लेकिन दो महीने बीत जाने के बावजूद इसकी सफाई नहीं हो सके हैं. 

इसके अलावे मुहल्ले के बीच से गुजरने वाली छोटी नालियों की सफाई भी हुई मगर आधी-अधूरी. कई नालियां ऐसी है जिस पर जलकुंभी का जाल है और प्लास्टिक सहित दूसरी चीजें तैर रही हैं . राजधानी के कई हिस्सों में बने नालों का जायजा लिया .कुछ नालों की सफाई हुई लेकिन कुछ नाले अब भी सफाई के इंतजार में हैं.

पटना में कदमकुआं और पीरमुहानी के बीच से गुजरने वाली नाली कचरों से पटी पड़ी है.स्थानीय लोगों के अनुसार महीने भर पहले इसकी सफाई लेकिन  फिर से कचरे का अंबार है.स्थानीय लोगों के मुताबिक, पिछले 15 साल से कदमकुआं,पीरमुहानी जैसे इलाके हल्की बारिश में भी पूरी तरह डूब जाते हैं. मेन होल का कचरा और नालियों का पानी घर में आ जाता है.

इसी तरह इंकम टैक्स चौराहे से गुजरने वाले मंदिरी नाला भी पूरी तरह साफ नहीं हुआ है.इसके साथ-साथ हज भवन और हार्डिंग रोड इलाके से गुजरने वाले नाले सफाई के इंतजार में हैं. -पटना नगर निगम का साल 2019-20 का बजट 4 हजार 64 करोड़ का है जो पिछले बजट की तुलना में 8 गुना ज्यादा है लेकिन लगता है जलजमाव से निपटने के लिए उसने आंख मूंद ली है. 

निगम आयुक्त अनुपम सुमन ने भी माना है कि नालों की सफाई उस रफ्तार में नहीं हुई है जिस रफ्तार से होनी चाहिए थी.हालांकि निगम चार सुपर सकर मशीन खरीद रहा और दावा है कि एक-एक मशीन चार अंचलों में दिया जाएगा बेहतर होता कि ये मशीनें खरीद कर अंचलों में पहुंचा दिया जाता ताकि नालों की सफाई तेजी से हो. 

निगम के मुताबिक, जुलाई के मध्य तक नालों की उड़ाही हो जाएगी.यानि पटना एक बार बारिश के दौरान जलजमाव को भोगने के लिए तैयार रहे. पटना नगर निगम के सभी छह अंचल यानि पाटिलपुत्र,नूतन राजधानी,कंकड़बाग,बांकीपुर,अजीमाबाद को एक-एक करोड़ देने का लक्ष्य रखा है सिर्फ नालों की सफाई के लिए और फिलहाल 25-25 लाख रुपए दिए गए हैं लेकिन क्या इतनी कम राशि में इन नालों की सफाई हो पाएगी. 

पटना नगर निगम के अंतर्गत कई ऐसे इलाके हैं जहां जलजमाव की समस्या दशकों पुरानी है लेकिन ठोस नीति और अधिकारियों की लापरवाही के चलते नालों की उड़ाही जैसी समस्या पिछले कई सालों से लोगों के लिए सरदर्द बनी हुई है.निगम के पास अब भी मौका है वो नालों की सफाई के लिए गंभीरता दिखाए ताकि बारिश लोगों के खुश्नुमा एहसास दिलाए न कि बुरे अनुभव.