बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की सुगबुगाहट तेज
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बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की सुगबुगाहट तेज

तत्कालीन कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के इस्तीफे और उनके पिता तथा राजद के नेता और राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के एक बयान के बाद जदयू में नाराजगी के बाद इस समिति की मांग तेज हो गई है.

बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की सुगबुगाहट तेज

पटना : बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में शामिल छोटे दल अब एक समन्वय समिति की मांग करने लगे हैं. बिहार के अंदर इसे लेकर सुगबुगाहट भी तेज हुई है. हाल में ही तत्कालीन कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के इस्तीफे और उनके पिता तथा राजद के नेता और राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के एक बयान के बाद जदयू में नाराजगी के बाद इस समिति की मांग तेज हो गई है. बता दें कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के हाल के दिनों में 2023 में तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने के बयान पर जदयू के कई नेता नाराज हो गए.

बिहार के इन दलों के बीच हो रही खींचतान
बता दें कि सात दलों के सत्तारूढ़ महागठबंधन के दो सबसे बड़े घटक जदयू और राजद के बीच कथित दरार के बाद सरकार में शामिल छोटे दलों ने सरकार के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए समन्वय समिति के शीघ्र गठन की मांग की है. सीएम नीतीश कुमार के दो महीने पहले भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले राजग से अलग होने के बाद राज्य में महागठबंधन बना था. सात दलों के इस महागठबंधन में हाल ही में उस समय खींचतान दिखी, जब राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा था कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अगले साल तक मुख्यमंत्री बन जाएंगे. इसके बाद सरकार को भ्रष्टाचार को लेकर घेरने वाले सुधाकर सिंह को भी प्रदेश के कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद छोटे दल इस मामले को निपटाने के लिए समन्वय समिति की मांग कर दी है.

सुधाकर सिंह ने उपमुख्यंत्री से की मुलाकात
बता दें कि भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने बताया कि सुधाकर सिंह के इस्तीफे के तुरंत बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की और उनसे तत्काल समन्वय समिति गठन किए जाने का आग्रह किया. आलम ने दावा किया है कि उपमुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया है कि इसको लेकर एक समिति जल्द ही बनाई जाएगी. इस समन्वय समिति में प्रत्येक पार्टी के कम से कम दो सदस्य होंगे. अन्य गठबंधन सहयोगियों के नेताओं को भी समिति के लिए अपने प्रतिनिधियों के नाम देने के लिए कहा जाएगा. समन्वय समिति बनने से महागठबंधन के सहयोगी दलों के बीच गलतफहमी दूर होने की उम्मीद है और सरकार के लिए साझा कार्यक्रम बनाने में मदद मिलेगी. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने भी समन्वय समिति बनाए जाने का समर्थन किया है. हम पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान कहते हैं कि पिछले महीने ही नीतीश कुमार से मुलाकात के दौरान समन्वय समिति बनाने की मांग रखी थी.

- आईएएनएस

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