बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच दिल्ली इसका केंद्र बन गया है. LJP पार्टी में बिखराव के बाद से ही बिहार की राजनीतिक कहानी दिल्ली से लिखी जा रही है.
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Patna: बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच दिल्ली इसका केंद्र बन गया है. LJP पार्टी में बिखराव के बाद से ही बिहार की राजनीतिक कहानी दिल्ली से लिखी जा रही है. दिल्ली से वापस आने के बाद ही तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) NDA की सरकार पर ज्यादा आक्रामक हो गए हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) अपनी आंखों का ऑपरेशन कराने दिल्ली गए हुए हैं.
इसी बीच हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी अपने पैर का इलाज कराने दिल्ली गए हुए हैं. इस दौरान उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से मुलाकात की चर्चा है. इस मुलाकात के बाद से राज्य में सियासी पारा बढ़ने लगा है.
कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि जीतन राम मांझी जब दिल्ली गए थे, तो हमें लगा था कि वो CM नीतीश कुमार से मुलाकात करने गए हैं. लेकिन वो BJP के साथ डील करने गए हैं. उनकी मुलाकात अमित शाह से हो रही है. उन्हें अब CM नीतीश कुमार का साथ तो मिल नहीं रहा है, इस वजह से वो अब BJP में जाने चाहते हैं.
वहीं, RJD प्रवक्ता भाई बीरेंद्र ने कहा कि NDA में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. गठबंधन में सब लोग नाराज हैं. मुख्यमंत्री के यहां हर चीज में आरसीपी टैक्स (RCP Tax) लगता है. कार्यकर्ता और नेता का कोई काम नहीं हो पा रहा है. पदाधिकारी बिना पैसे के कोई काम नहीं कर पा रहे हैं. जीतन राम मांझी की भी नहीं सुनी जा रही है. ऐसे में अब वो ही बता सकते है कि वो किस वजह से अमित शाह से तो मिलने जाएंगे.
इधर, बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि जिन लोगों में लगाव होता है, वो लोग औपचारिक मुलाकात करते रहते हैं. जीतन राम मांझी बिहार में दलित के बड़े नेता हैं और वह मुलाकात कर रहे हैं, तो यह सामान्य प्रक्रिया है. वहीं, नीतीश कुमार से मांझी जी के द्वारा मुलाकात नही किए जाने पर उन्होंने कहा कि दोनो आदरणीय नेता है, दोनों के बीच मुलाकात हो ही जाएगी.
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