Bihar: लैंड रिकॉर्ड सुधारने की प्रक्रिया हुई शुरू, सर्वेक्षण का दायरा 220 अंचलों तक बढ़ा
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Bihar: लैंड रिकॉर्ड सुधारने की प्रक्रिया हुई शुरू, सर्वेक्षण का दायरा 220 अंचलों तक बढ़ा

बिहार के 130 नए अंचलों में जल्द भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू होगा. ये अंचल उन 90 अंचलों के अतिरिक्त होंगे, जहां वर्तमान में भूमि सर्वेक्षण का काम चल रहा है. सूबे में भूमि सर्वेक्षण का दायरा बढ़कर 220 अंचलों तक विस्तृत हो जाएगा.

 लैंड रिकॉर्ड सुधारने की प्रक्रिया हुई शुरू (प्रतीकात्मक फोटो)

Patna: बिहार के 130 नए अंचलों में जल्द भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू होगा. ये अंचल उन 90 अंचलों के अतिरिक्त होंगे, जहां वर्तमान में भूमि सर्वेक्षण का काम चल रहा है. सूबे में भूमि सर्वेक्षण का दायरा बढ़कर 220 अंचलों तक विस्तृत हो जाएगा. भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. 

इसके लिए सभी 20 जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों को पत्र लिख कर 25 जून तक शिविरों का गठन कर लेने का निर्देश दिया गया है. फिलहाल प्राथमिकता के 20 जिलों के 90 अंचलों में 208 शिविरों का गठन किया गया है.

भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जय सिंह ने बताया कि मानसून शुरू होने से सभी अंचलों विशेषकर बाढ़ग्रस्त अंचलों में अगले कुछ महीनों तक विशेष सर्वेक्षण के कार्य की निरन्तरता को बनाए रखना संभव नहीं हो पाएगा. ऐसे शिविरों में पदस्थापित कर्मियों के कार्य आवंटन व जिले में विशेष सर्वेक्षण पूरा करने के लिए आवश्यक है कि शेष अंचलों में किस्तवार/फील्ड पूर्व गतिविधि के अंतर्गत की जाने वाली कार्रवाइयां यथा उदघोषणा (प्रपत्र-1), प्रपत्र-2 एवं 3 (1); रैयतों की स्वघोषणा एवं वंशावली का संकलन और प्रपत्र-5 का लेखन इत्यादि कार्य का संपादित कर लिया जाए. इन अंचलों में सरकारी भूमि से संबंधित विवरणी को विभिन्न विभागों से प्राप्त कर एकत्र कर लिया जाये.

विशेष सर्वेक्षण अमीन/कानूनगो/सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी की बहाली और प्रशिक्षण के बाद जिलों में उनकी प्रतिनियुक्ति के बाद भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय द्वारा सितंबर-अक्टूबर, 2020 में राज्य के बीस जिलों में विशेष सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ किया गया. प्राथमिकता के 20 जिले जहां सर्वेक्षण का काम चल रहा है, वहां के 208 शिविरों के 5127 मौजों में सर्वेक्षण का काम किया जा रहा है.

अधिकांश मौजों में एरियल एजेंसी की मदद से किस्तवार काम किया जा रहा है. बारिश की वजह से खेतों में पानी लग जाने से जमीन पर जाकर काम किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है. ऐसे में उपलब्ध कर्मियों के अधिकतम इस्तेमाल के लिए यह कार्ययोजना बनाई गई है.

हर शिविर में 20-25 राजस्व ग्राम

शिविरों के गठन के लिए भेजे गए पत्र के साथ विस्तृत कार्ययोजना भी भेजी गई है. प्रत्येक शिविर में 20-25 राजस्व ग्रामों को रखने की योजना है. ग्रामों के आकार के आलोक में इस संख्या को घटाने/बढ़ाने की छूट भी बंदोबस्त पदाधिकारियों को दी गई है. शिविरों के गठन में आवागमन की सुविधा, शिविर अंतर्गत ग्रामों की सीमा अनिवार्यतः भौगोलिक रूप से आपस में संबद्ध होना जैसी शर्तें रखी गई हैं. 

शिविर भूमि सर्वेक्षण की सबसे प्राथमिक एवं अनिवार्य प्रशासनिक इकाई हैं, जहां बैठकर सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो, अमीन जैसे सर्वेक्षण कर्मी भूमि सर्वेक्षण के काम को अंजाम देते र्हैं.

 20 जिलों में चल रहा काम

भूमि संबंधी दस्तावेजों को आधुनिक बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा विशेष सर्वेक्षण योजना के तहत भूमि सर्वेक्षण का काम किया जा रहा है. बिहार के सभी 38 जिलों में 2 चरणों में भूमि सर्वेक्षण कराने की योजना है. प्रथम चरण में 20 जिले, दूसरे चरण में 18 जिलों में भूमि सर्वेक्षण होना है. 

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जिन 20 जिलों में प्रथम चरण में भूमि सर्वेक्षण का काम चल रहा है उनके नाम हैं- पश्चिम चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, बांका, मधेपुरा, खगड़िया, लखीसराय, बेगूसराय, मुंगेर, सुपौल, सहरसा, शेखपुरा, जमुई, जहानाबाद, अरवल और नालंदा.

 

 

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