बिहार में बाढ़ का मुआयना करने पहुंची केंद्रीय टीम, राज्य सरकार ने मांगे 3764 करोड़
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बिहार में बाढ़ का मुआयना करने पहुंची केंद्रीय टीम, राज्य सरकार ने मांगे 3764 करोड़

Bihar Flood News: बाढ़ से बर्बादी का आकलन करने आई केंद्रीय टीम के सामने बिहार सरकार ने 3764 करोड़ मुआवजे की मांग की है, लेकिन देखना यह है कि आखिर कितना मुआवजा राज्य को केंद्र सरकार से मिलेगा.

बाढ़ के खिलाफ लड़ने के लिए बिहार ने मांगे 3764 करोड़

Patna: केंद्र की 6 सदस्यीय टीम मंगलवार शाम बिहार दौरे से लौट चुकी है. बिहार के अलग-अलग जिलों में बाढ़ (Flood In Bihar) से हुई बर्बादी का जायजा लेने यह टीम आई थी. गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश कुमार सिंह की अगुवाई में दो दिनों के दौरे पर आई टीम ने बाढ़ से नुकसान का आकलन किया. 

इस टीम ने समस्तीपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर का हवाई सर्वे किया. टीम ने भागलपुर जिले के नवगछिया का स्थल निरीक्षण भी किया. केंद्रीय टीम ने संबंधित जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक भी की.

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15 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित
बिहार सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान के एवज में 3764 करोड़ रुपये केंद्र से मुआवजे की मांग की है. राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने केंद्रीय टीम के सामने बाढ़ से नुकसान का ब्यौरा रखते हुए कहा कि आपदा अभी खत्म नहीं हुई है, इसलिए नुकसान का आंकड़ा बढ़ सकता है. 

राज्य के 13 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं और 15 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई है. राज्य सरकार की मांग के अनुरूप केंद्र से कितना मुआवजा मिलेगा, यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि पिछले साल सीएम नीतीश कुमार ने बाढ़ से नुकसान के एवज में 3328.60 करोड़ मुआवजे की मांग रखी थी, जिसे बाद में संशोधित कर 3634 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की गई थी, लेकिन पांच महीने बाद इस साल फरवरी महीने केंद्र से 1255 करोड़ रुपये बिहार को मिले.

केंद्रीय टीम के दौरे पर सियासत
केंद्रीय टीम के बिहार दौरे को लेकर सियासत भी सुलग चुकी है. सीएम नीतीश कुमार ने आरोप जड़ा कि केंद्रीय टीम ने देर से बिहार का दौरा किया. उन्होंने कहा, "पहले से कहा जा रहा है, आकर स्थिति को देखिए, अब तो देर हो चुकी है. अभी उतनी खराब स्थिति नहीं है, हर साल सितंबर में जितनी स्थिति खराब होती है." सीएम के इस बयान के बाद आरजेडी के साथ कांग्रेस ने भी नीतीश सरकार पर हमला बोला है.

आरजेडी के एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी ने कहा, सीएम के आग्रह के बाद भी केंद्रीय टीम क्यों नहीं आई, यह बड़ा सवाल है. जेडीयू भी एनडीए का घटक दल है, फिर भी टीम नहीं आई. दोनों दलों के बीच क्या अंदरूनी मामला है, जिसमें बिहार की लाखों जनता पिस रही है?" जबकि कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बिहार के विकास को पीछे छोड़ देते हैं, इसलिए केंद्रीय टीम आने में देर हुई. 

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