बिहार: तेजप्रताप ने मंच पर जताई अपनी नाराजगी, बोले-पार्टी में कुछ लोगों को लगता है कहीं ये हीरो न बन जाए
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बिहार: तेजप्रताप ने मंच पर जताई अपनी नाराजगी, बोले-पार्टी में कुछ लोगों को लगता है कहीं ये हीरो न बन जाए

Bihar News: जब भाषण देते समय तेजप्रताप यादव का माइक खराब हुआ तो उन्होंने अपने चुटीले अंदाज में कहा, 'सच कोई नही सुनना चाहता है इसलिए माइक भी खराब हो गया.'

तेजप्रताप यादव ने स्थापना दिवस पर जताई अपनी नाराजगी (फाइल फोटो)

Patna: बिहार में सियासी गहमागहमी जारी है. इस बीच राजद के स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए (RJD) नेता तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने राज्य सरकार के खिलाफ बयान दिया है. तेजप्रताप यादव ने कहा कि संगठन में उतार चढ़ाव होता रहता है, बहुत लोग आते जाते हैं. संगठन चलता रहता है. मेरी बात पर लोग हंसते हैं मजाक उड़ाते हैं. मेरे पिताजी की बातों पर भी लोग हंसते थे. 

इसके बाद जब भाषण देते समय तेजप्रताप यादव का माइक खराब हुआ तो उन्होंने अपने चुटीले अंदाज में कहा, 'सच कोई नही सुनना चाहता है इसलिए माइक भी खराब हो गया.' उन्होंने कहा कि बिहार का सबसे घटिया अस्पताल दरभंगा का अस्पताल है. तानाशाह सुशासन का शासन है. हम लोग जीते हुए थे लेकिन कुछ लोग नहीं चाहते थे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) सत्ता में आए. हमें कोई फर्क नही पड़ता कौन भौंकते रहता है. 

इस दौरान तेजप्रताप ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को नीचे बैठाया गया है. हमें खराब लग रहा है. उन्हें मंच पर नहीं बैठाया गया. तेजप्रताप ने साथ ही महिलाओं को जिम्मेदारी दिए जाने की बात कही और कहा कि महिलपाओं को जिम्मेदारी देकर मंच पर बैठाया जाना चाहिए था.  

राजद नेता ने कहा कि पार्टी की रीढ़ कार्यकर्ता होते हैं. इसके बाद कार्यक्रम में तेजप्रताप का दर्द छलका उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता लोग मेरे फोन का रिस्पॉन्स नहीं करते हैं जो बेहद दुखद है. तेजप्रताप ने कहा कि मेरे क्षेत्र का एक कार्यकर्ता pmch में भर्ती था. उनकी मदद के लिए मैंने कई नेताओं को फोन किया लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला. संगठन में उपेक्षा से निराश तेजप्रताप ने अपनी अहमियत तेजस्वी के सामने गिनाई.

राजद विधायक ने कहा कि यदि पार्टी के सामने कोई चुनौती होगी तो सबसे पहले वह सामना करने के लिए तैयार हैं. तेजप्रताप ने कहा कि जब तेजस्वी पर आंदोलन के दौरान पत्थर फेंका गया तो मैं सामने आ गया. हम आगे थे गाड़ी के बोनट पर तो कुछ लोग मुझे पीछे से खींच रहे थे. उन्हें लगता है कि कहीं ये हीरो न बन जाए.

तेजप्रताप ने अपनी तुलना कृष्ण से करते हुए कहा कि जब भी संकट आता है तो मैं कृष्ण की तरह तेजस्वी की तरफ आनेवाले सभी मुसीबत के सामने आ जाता हूं. तेजप्रताप ने कहा तेजस्वी जी एक कमिटी बनाएं जो बीमार हैं उनके लिए काम करें. उनके लिए गाड़ी की व्यवस्था करें. 

तेजप्रताप ने कहा मेरी बात से कितने लोग सहमत हैं हाथ उठाएं. कार्यकर्ताओ ने हाथ उठाया लेकिन मंच पर बैठे तेजस्वी और दूसरे नेताओं ने हाथ नहीं उठाया. तेजस्वी के इस व्यवहार से तेजप्रताप को बुरा लगा. तेजप्रताप ने इसके बाद टोकते हुए कहा कि क्या मेरी बात से आपलोग सहमत नहीं हैं. तेजप्रताप ने कहा कि मैं सच बोलता हूं. लोग मुझसे डरते भी हैं. इसलिए लोग कहते हैं कि दूसरा लालू तेजप्रताप ही है.

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