सत्ता पक्ष और विपक्ष की राजनीति में बीएमपी जवानों की मजबूरी!
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सत्ता पक्ष और विपक्ष की राजनीति में बीएमपी जवानों की मजबूरी!

बीएमपी के जवान 10 सर्कुलर रोड भेज तो दिया गया. लेकिन राबड़ी देवी द्वारा सुरक्षा लेने से इनकार करने के बाद जाने पर अब जवान अपनी तैनाती होने का इंतजार सड़क पर कर रहे हैं.

बीएमपी जवान राबड़ी देवी के आवास 10 सर्कुलर रोड के बाहर बैठे इंतजार कर रहे हैं.

पटनाः पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड की सुरक्षा को लेकर अभी भी सियासत जारी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राबड़ी देवी के द्वारा लिखित चिट्ठी पर तत्काल संज्ञान लेते हुए उनकी पूर्व सुरक्षा को बहाल करने का निर्देश तो दे दिया. लेकिन राबड़ी देवी ने उस सुरक्षा को लेने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि जब तक मेरे नाम पर सुरक्षा बहाल करने का लिखित आदेश और किसके आदेश से सुरक्षा हटायी गई थी इसकी भी लिखित रिपोर्ट मिलने के बाद ही वह सुरक्षा स्वीकार करेंगी. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों अपनी-अपनी बात कह रहे हैं. लेकिन दोनों में से किसी ने उन बीएमपी जवानों के बारे में नहीं सोचा जिन्हें सुरक्षा में तैनात होने का आदेश दिया गया. आदेश मिलते ही बीएमपी के जवान 10 सर्कुलर रोड भेज तो दिया गया. लेकिन राबड़ी देवी द्वारा सुरक्षा लेने से इनकार करने के बाद जाने पर अब जवान अपनी तैनाती होने का इंतजार सड़क पर कर रहे हैं.

  1. नीतीश कुमार ने 10 सर्कुलर रोड पर सुरक्षा बहाल की थी
  2. गुरुवार को बीएमपी जवान 10 सर्कुलर रोड भेजे गए थे
  3. गुरुवार रात से ही बीएमपी जवान सड़क पर समय बीताने को मजबूर हैं

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार (12 अप्रैल) को ही राबड़ी देवी की सुरक्षा बहाल करने का निर्देश दिया. जिसके बाद बीएमपी जवानों को फौरन 10 सर्कुलर रोड भेज दिया गया. लेकिन राबड़ी देवी द्वारा सुरक्षा लेने से इनकार करने के बाद यह जवान सत्ता पक्ष और विपक्ष की राजनीति के बीच फंस गए हैं.

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गुरुवार को राबड़ी देवी के आवास पहुंचे बीएमपी जवानों को सड़क पर ही समय बीताना पर रहा है. इतना ही नहीं उन्हें रात भी 10 सर्कुलर रोड के बाहर ही गुजारनी पड़ी है. अब तक इस मामले में कोई आदेश नहीं आया है. इस वजह से बीएमपी जवान सड़क पर रहने को मजबूर हैं.

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सत्ता पक्ष के नेता और विपक्ष के नेता इस मामले में राजनीति करने में लगे हैं. और राबड़ी देवी सुरक्षा लेने से इनकार कर रही है. लेकिन कोई भी बीएमपी जवानों के बारे में नहीं सोच रहा है कि उनका क्या होगा. लालू परिवार अपने जिद पर अड़े है. लेकिन इसमें जवानों का क्या कसूर है जो रास्ते पर रहने को मजबूर है.

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