BPSC controversy: पप्पू यादव ने इस मुद्दे पर प्रशांत किशोर को भी आड़े हाथों लिया. जन सुराज के संस्थापक पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 'फ्रॉड किशोर' बच्चों को गालियां दे रहे हैं और उनकी ताकत को नहीं समझ रहे.
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पटना : बिहार में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पटना में परीक्षा रद्द कर पुनर्परीक्षा की मांग कर रहे अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल ने राजनीतिक और सामाजिक माहौल गरमा दिया है. इस घटना के विरोध में पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव सोमवार को राजभवन पहुंचे और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की.
राजभवन से बाहर निकलने के बाद पप्पू यादव ने कहा कि राज्यपाल ने उनकी बातें गंभीरता से सुनीं और तत्काल कार्रवाई का भरोसा दिया. उन्होंने बताया कि राज्यपाल ने मौके पर ही बीपीएससी के चेयरमैन से बातचीत की और जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक को बुलाने का निर्देश दिया. साथ ही मुख्यमंत्री से बात करने और लाठीचार्ज की जांच कराने का आश्वासन भी दिया. पप्पू यादव ने इस मुद्दे पर प्रशांत किशोर को भी आड़े हाथों लिया. जन सुराज के संस्थापक पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 'फ्रॉड किशोर' बच्चों को गालियां दे रहे हैं और उनकी ताकत को नहीं समझ रहे. पप्पू यादव ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए परीक्षा रद्द करने, पुनर्परीक्षा कराने, महिला परीक्षार्थियों के साथ दुर्व्यवहार की निष्पक्ष जांच और प्रदर्शनकारी छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की.
साथ ही इससे पहले पप्पू यादव ने सोशल मीडिया पर प्रशांत किशोर के खिलाफ नाराजगी जताते हुए एक वीडियो पोस्ट किया. उन्होंने लिखा कि प्रशांत किशोर छात्रों को धमका रहे हैं, अहंकार दिखा रहे हैं. जब पुलिस छात्रों को पीट रही थी, तब वे भाग गए. उल्लेखनीय है कि रविवार को बीपीएससी अभ्यर्थियों ने परीक्षा रद्द करने और पुनर्परीक्षा कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, जिसके बाद झड़प हो गई. स्थिति बेकाबू होते देख पुलिस ने लाठीचार्ज और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया. प्रदर्शन के दौरान कई महिला परीक्षार्थियों ने दुर्व्यवहार के आरोप लगाए. इस पूरे घटनाक्रम ने बिहार की राजनीति को गरमा दिया है. पप्पू यादव जैसे नेता इसे छात्रों के अधिकारों और न्याय से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि पुलिस की कार्रवाई को लेकर सरकार की आलोचना हो रही है. अब राज्यपाल द्वारा इस मामले में दिए गए आश्वासन से अभ्यर्थी और उनके समर्थक किसी ठोस समाधान की उम्मीद कर रहे हैं.
इनपुट -आईएएनएस
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