चिराग पासवान का नया सियासी दांव, 'कमल' के साथ अलापा 'प्रेम' का राग
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चिराग पासवान का नया सियासी दांव, 'कमल' के साथ अलापा 'प्रेम' का राग

Bihar Politics: चिराग पासवान अब एक नए विवाद में घिर गए हैं. उन्होंने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में ऐसी बातें कही हैं, जो उनकी सियासी समझ पर सवाल उठाने के लिए काफी है.

चिराग पासवान अब एक नए विवाद में घिर गए हैं. (फाइल फोटो)

Patna: बिहार ही नहीं देश के बड़े सियासी दिग्गजों में शुमार स्वर्गीय रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की पहचान एक ऐसे नेता की रही, जो सूझबूझ के साथ राजनीति करने के लिए जाने जाते थे. उन्होंने वक्त की नजाकत को पहचानते हुए ताउम्र राजनीति की. चुनाव से पहले वो हवा का रुख भांपने में माहिर थे. लेकिन उनके बेटे चिराग पासवान (Chirag Paswan) शायद उस कला को समझने में पीछे रह गए.

पिछले एक साल में चिराग पासवान ने जिस तरह की सियासत की है, उसके बाद उनकी राजनीतिक समझ पर उनके विरोधी सवाल खड़े कर देते हैं. एक बड़े सियासी शख्स की संतान और उनकी छत्रछाया में राजनीति सीखने के बावजूद चिराग पासवान ने पिछले एक साल में बार-बार चौंकाने वाले फैसले किए. उनके फैसलों ने व्यक्तिगत तौर पर उनकी छवि और उनकी पार्टी को काफी डैमेज किया है. चिराग पासवान अब एक नए विवाद में घिर गए हैं. उन्होंने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में ऐसी बातें कही हैं, जो उनकी सियासी समझ पर सवाल उठाने के लिए काफी है.

चिराग पासवान ने अपने इंटरव्यू में कहा है कि 'मैंने विधानसभा चुनाव के दौरान जितने भी फैसले किए थे, उसकी पूरी जानकारी BJP के शीर्ष नेतृत्व को दी थी. मैंने BJP को ये भी स्पष्ट कर दिया था कि मैं सिर्फ JDU के खिलाफ कैंडिडेट उतारने जा रहा हूं. यहां तक कि BJP को मैंने ये भी साफ कर दिया था कि सिर्फ 6 सीटें ऐसी होंगी जहां मुझे BJP के खिलाफ कैंडिडेट उतारना होगा'. चिराग पासवान के इस खुलासे के बाद बिहार के सियासी गलियारे में हलचल तेज़ हो गई.

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विपक्ष ने बताया अंदरुनी साजिश, 'तीर' को तोड़ने का 'गेम प्लान' करार दिया 
अखबार को दिए इंटरव्यू में चिराग पासवान ने जो खुलासा किया है, उसके बाद विपक्ष को NDA पर हमले का बड़ा मौका मल गया है. विपक्ष ने पूरे मामले को NDA के भीतर चल रहा पावर गेम करार दिया है. विपक्ष का कहना है कि 'चिराग पासवान के खुलासे से ये साफ हो गया है कि BJP पूरे खेल की मास्टरमाइंड है. BJP ने चिराग के जरिए JDU के सफाए का गेम प्लान तैयार किया. BJP एक धोखा देने वाली पार्टी है और उसने चिराग पासवान का चुनाव में इस्तेमाल करने के बाद उन्हें भी दरकिनार कर दिया'.

विपक्ष का कहना है कि 'BJP हर हाल में 2020 के विधानसभा चुनाव में JDU से बड़ी पार्टी बनना चाहती थी. इसके लिए NDA में रहते हुए नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की छवि को खराब करना जरूरी था. BJP ने चिराग के जरिए नीतीश कुमार पर निशाना साधा और चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री की छवि खराब कर दी. इसका परिणाम ये हुआ कि चुनाव में लोगों ने BJP के नाम पर तो वोट दे दिया, लेकिन नीतीश कुमार के नाम पर JDU को मनमाफिक वोट नहीं मिले. जब चुनाव परिणाम आया तो JDU बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई'. विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी BJP के चरित्र को समझने और सम्मानजनक फैसला करने की सलाह दी है.

NDA ने चिराग पासवान पर निशाना साधा, चारों खाने 'चित्त' हुए चिराग की नई चाल बताया 
चिराग पासवान का इंटरव्यू विपक्ष को रास आ रहा है और विपक्ष लगातार NDA पर हमलावर है. वहीं NDA ने चिराग पासवान के सारे दावे और खुलासों को सिरे से खारिज कर दिया है. JDU ने इसे NDA में फूट डालने की साजिश करार दिया है. JDU ने कहा कि 'चिराग पासवान अब 'चुगली' कर रहे हैं. वो इधर-उधर की बातें कर बचकानी हरकत कर रहे हैं. उन्होंने गलत नीयत से चुनाव में उतरने का फैसला किया था और जनता ने उन्हें आइना दिखा दिया. चिराग अगर इतने नौसिखिए हैं कि कोई उन्हें इस्तेमाल कर ले, तो ये BJP की नहीं बल्कि चिराग की गलती है'.

वहीं, BJP ने भी चिराग पासवान को खूब खरी-खोटी सुनाई. चिराग के खुलासे को BJP ने पब्लिसिटी स्टंट करार दिया. BJP ने कहा कि 'चिराग पासवान को इतने लंबे वक्त के बाद ये सारी बातें याद आई हैं? अगर वाकई ऐसा कुछ हुआ था तो चुनाव के बाद ही सारी बातें स्पष्ट क्यों नहीं कर दी गई? चिराग पासवान को तब ये बातें याद आ रही हैं जब उनके परिवार में खटपट चल रही है. जब उनकी पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन हो गया है और वो राजनीति में हाशिए पर जा रहे हैं, तब सुर्खियों में बने रहने के लिए वो इस तरह की ओछी बातें कर रहे हैं. चिराग पासवान मैदान के पिटे हुए खिलाड़ी हैं'.

एक्सपर्ट्स ने पूरे मामले को चिराग की 'नासमझी' करार दिया 
राजनीतिक दलों से हटकर सियासी पंडित भी इस पूरे मामले पर गौर फरमा रहे हैं. राजनीतिक मामलों के जानकार इस बात पर हैरानी जता रहे हैं कि इतनी किरकिरी होने के बाद भी चिराग इस तरह की बयानबाजी क्यों कर रहे हैं? एक्सपर्ट्स का कहना है कि 'पिछले कुछ माह में चिराग पासवान ने अपने पिता की बनाई हुई विरासत को कमजोर ही किया है. उन्होंने अपने गलत फैसलों से न सिर्फ पार्टी का नुकसान किया, बल्कि अपनी छवि को भी हल्का बना दिया'.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि 'चिराग पासवान को गंभीरता के साथ राजनीति करने की जरूरत है. क्या सच है और क्या झूठ, ये तो चिराग पासवान और BJP के नेता ही जानते हैं, लेकिन अगर चिराग पासवान की ऐसी कोई बात BJP के नेताओं से बंद कमरे में हुई भी हो तो भी उन्हें ये बात सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए थी. इससे उनकी विश्वसनीयता ही सवालों के घेरे में आ रही है'.

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