बिहार में नहीं होगा Panchayat Chunav? नीतीश सरकार ले सकती है बड़ा फैसला...
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बिहार में नहीं होगा Panchayat Chunav? नीतीश सरकार ले सकती है बड़ा फैसला...

Bihar Samachar: बिहार में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है लिहाजा मई में चुनाव होगा या नहीं इसका जवाब अभी तक किसी के पास नहीं है.

बिहार में नहीं होगा Panchayat Chunav? (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Bihar Panchayat Chunav 2021: बिहार में एकतरफ कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पंचायत चुनाव का समय भी निकट आता जा रहा है. ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग के सामने बड़ी चुनौती है. एक तरफ जहां सरकार कोरोना के मद्देनजर संक्रमण को रोकने के कार्यों में व्यस्त है तो वहीं, दूसरी तरफ बिहार समेत कई राज्यों में पंचायत चुनाव भी होने हैं. ऐसे में अब दुविधा ये है कि चुनाव कैसे कराए जाएं. 

दरअसल, बिहार में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है लिहाजा मई में चुनाव होगा या नहीं इसका जवाब अभी तक किसी के पास नहीं है. बिहार में 8000 पंचायतें हैं, 2.5 लाख पंचायत प्रतिनिधि हैं और एक लाख से अधिक वार्ड हैं, जिन्हें लेकर सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है.

वहीं, 21 अप्रैल को पंचायत चुनाव पर विचार करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने 15 दिनों का समय लिया था. आयोग को उम्मीद थी कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार तब तक काफी कम हो जाएगी, लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बाद इसके विपरीत होता नजर आया और संक्रमण का दायरा लगातार बढ़ता ही चला गया, ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि जून के पहले सप्ताह में मानसून के प्रवेश के कारण आयोग के लिए चुनाव करना संभव नहीं हो पाएगा.

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वहीं, दूसरी ओर पंचायत विभाग ने जनप्रतिनिधियों को कई काम सौंपे हुए हैं. जैसे लाउडस्पीकर से जागरूकता का प्रचार करना, सैनिटाइजेशन, मास्क बांटना, साफ-सफाई करना, कोरोना संक्रमित की पहचान करना, कंटैक्ट ट्रेसिंग करना और उसे बताना, बुजुर्गों-गर्भवती महिलाओं का ख्याल रखना, छोटे बच्चों पर ध्यान देना, आदि.

इन सभी कार्यों को लेकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि बिहार की त्रिस्तरीय पंचायतों का कामकाज 15 जून के बाद जनप्रतिनिधियों के जिम्मे नहीं बल्कि अफसरों के हवाले होगा. वार्ड से लेकर ग्राम पंचायत, पंचायती समिति और जिला परिषद तक की विकास योजनाएं बनाने और मंजूर करने का अधिकार प्रखंड से लेकर जिलों के अफसरों को देने की तैयारी सरकार पहले से ही कर रही थी. हालांकि, यह किस हद तक सही साबित होता है ये देखना अभी बाकी है.

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