Patna: कोरोनावायरस संक्रमण से उभरे मरीजों के लिए इन दिनों ब्लैक फंगस काफी बड़ा खतरा बनता नजर आ रहा है. इसी क्रम में बिहार में भी ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मरीजों के मिलने सिलसिला शुरू हो गया है.


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क्या है लक्षण?
जानकारी के अनुसार, ब्लैक फंगस से संक्रमित ममरीजों को नाक, चेहरे, दांत, आंख और सिर में दर्द रहता है. उनके नाक से पानी और खून निकल सकता है. इसके साथ ही नाक में काली पपड़ी भी जम सकती है और आंखें भी लाल हो सकती हैं. उनमें सूजन हो सकती है कई मामलों में आंखें बाहर निकल आती हैं तथा रोशनी भी जा सकती है.


क्या है इलाज?
डॉक्टरों की मानें तो प्रारंभिक अवस्था में पहचान हो जाने पर यह संक्रमण दवा की कुछ डोज से ही ठीक हो जाता है. वहीं, देर होने पर सर्जरी की जरूरत पड़ती है.


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क्या है कारण?
आईजीआईएमएस के अधीक्षक मनीष मंडल की मानें तो  ब्लैक फंगस का संक्रमण शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता के कमजोर होने पर लगता है. यह फंगस नाक, गला, चेहरा, आंख और दिमाग को संक्रमित करता है. इसका एक कारण बिना डॉक्टरी सलाह लिए अपने मन से स्टेरॉयड दवा लेना भी है. 


इन्हें है ज्यादा खतरा?
दरअसल, कोरोनावायरस संक्रमण के इलाज के दौरान शरीर काफी कमजोर हो जाता है. साथ ही मरीजों को इस दौरान स्टेरॉयड दवा भी दी जाती हैं. इस कारण ऐसे मरीजाें में ब्‍लैक फंगस के संक्रमण का खतरा रहता है. डॉ कि मानें, तो कोरोनावायरस संक्रमण के इलाज में स्टेरॉयड कारगर है, लेकिन इसका उपयोग केवल डॉक्टर की सलाह पर करना चाहिए. खासकर कैंसर, डायबिटीज व किडनी के रोग या किसी अन्‍य लंबी बीमारी से ग्रसित मरीजों को स्टेरॉयड दवा देने में बहुत सावधानी की जरूरत होती है.