शरीर के इलाज के साथ मन को भी स्वस्थ और मजबूत रखें: मंगल पांडेय
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शरीर के इलाज के साथ मन को भी स्वस्थ और मजबूत रखें: मंगल पांडेय

Bihar News: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय पटना द्वारा बिहार इंटर फेथ फोरम फॉर चिल्ड्रन (BIFC) और यूनिसेफ के सहयोग से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

 

मंगल पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य के साथ मन को भी रखें स्वस्थ (फाइल फोटो)

Patna: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Mangal Pandey) ने सभी को प्रेरणा और हौसला देते हुए ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा,‘मेरा सभी से निवेदन है कि आप सभी शरीर के इलाज के साथ अपने मन को भी स्वस्थ और मजबूत रखें. सकारात्मक सोचें और अपना और अपने परिवार का ध्यान रखें.’

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय पटना (Prajapita Brahmakumari Ishwari University Patna) द्वारा बिहार इंटर फेथ फोरम फॉर चिल्ड्रन (BIFC) और यूनिसेफ के सहयोग से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
इस ऑनलाइन कार्यक्रम का विषय था- आशा और चिकित्सा की कड़ी बनाएं और कोरोना की कड़ी तोड़ें.

एम्स पटना के अधीक्षक डॉ सी. एम. सिंह ने बताया कि सभी डॉक्टर, नर्स व  अन्य स्वास्थ्यकर्मी लोगों के मानसिक तनाव को संभालने में प्रशिक्षित हैं. हम मरीजों की और उनके परिवार वालों की सकारात्मक मानसिकता बनाए रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. सभी पूरी सावधानी से काम कर रहे हैं. सभी कर्मचारी पी. पी. ई. किट्स पहनकर और सारी सावधानियों को बरतकर लोगों का ध्यान रख रहे हैं. 

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80-85 फीसदी लोगों को सिर्फ सर्दी या बुखार

न्यूरो फिजिशियन डॉ शेखर कुमार ने कहा कि कोरोना के मरीज़ो में से 80-85% लोगों को सिर्फ सर्दी या बुखार जैसे लक्षण दिखाई देंगे और वह ठीक हो जाते हैं. सिर्फ 5-10 फीसदी लोगों को ऑक्सीजन की जरुरत होती है. उसमें से भी चंद लोग आईसीयू में भर्ती होते हैं। लोगों से अनुरोध किया कि घबराएं नहीं.   

प्रोटोकॉल्स के मुताबित मरीजों को भर्ती

एम्स पटना की सह-प्राध्यापक डॉ वीणा सिंह ने बताया कि सारे अस्पतालों में प्रोटोकॉल्स के मुताबित केवल उन्हीं मरीज़ो को भर्ती किया जा रहा है जिनकी गंभीर स्थिति है. बाकी सभी को हम सलाह देते हैं कि वह घर पर कोरोना सुरक्षा व्यवहारों का पालन करते हुए अपना ध्यान रखें और हम उनके साथ लगातार संपर्क में रहते हैं सलाह देने के लिए. 
 
अस्पतालों में मनोवैज्ञानिक परामर्श हो

UNICEF के संचार विशेषज्ञ निपुण गुप्ता ने कहा कि सभी डॉक्टरों से निवेदन है कि सारे अस्पतालों में मनोवैज्ञानिक परामर्श (साइकोलॉजिकल काउंसलिंग) की सुविधा उपलब्ध करवाएं. मरीजों, उनके रिश्तेदारों और खासकर उनके बच्चों के लिए. कई बच्चे कोरोना की वजह से अनाथ हो गए हैं. सभी बच्चों पर मानसिक और भावनात्मक तनाव बढ़ गया है. बच्चों की मदद के लिए सभी बिहार सरकार की परवरिश योजना का ध्यान रखें और राष्ट्रीय हेल्पलाइन CHILDLINE 1098 पर कॉल करें.

सिर्फ उतनी ही जानकारी लें जितनी जरूरत हो

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मेडिकल विंग के एवर-हेल्थ अस्पताल के निदेशक डॉ बनारसी लाल शाह ने कहा कि हमें जानकारी सिर्फ उतनी ही लेनी चाहिए जितनी आवश्यक हो. हमें ज्यादा जानकारी से अपने मानसिक तनाव को बढ़ाना नहीं चाहिए.

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