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Patna: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि जल्द ही राज्य में विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग का नाम बदलकर 'विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग' किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द कैबिनेट से इसकी मंजूरी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य में काफी संख्या में नौकरी दी जा रही है. शिक्षा विभाग एवं पुलिस में काफी संख्या में बहाली की प्रक्रिया जारी है. हमलोग 10 लाख लोगों को नौकरी एवं 10 लाख को रोजगार का अवसर देंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा, "हमलोगों के कामों की कोई चर्चा नहीं करता, जबकि पिछले 9 सालों में केंद्र सरकार ने बिहार के लिए कुछ भी नहीं किया है, लेकिन हर जगह उसी की चर्चा होती रहती है. नीतीश विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग द्वारा आयोजित नव नियुक्त सहायक प्राध्यापक, व्याख्याता एवं व्याख्याता के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने पांच नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों (विद्युत अभियंत्रण) को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र प्रदान कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से बिहार के 44 राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों में स्थापित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन किया. उन्होंने बताया कि अभियंत्रण महाविद्यालयों के लिए 269 सहायक प्राध्यापक तथा पॉलिटेक्निक संस्थानों के 146 व्याख्याताओं को मिलाकर कुल 415 लोगों को नियुक्ति पत्र दिया गया है.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 से इस दिशा में तेजी से काम कराया. बिहार के सभी 38 राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों में से 37 के भवन निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है और बक्सर में निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है. वहीं बिहार के सभी 46 पॉलिटेक्निक संस्थानों में से 41 के भवन निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है.
नीतीश कुमार ने दावा करते हुए कहा, "हमलोगों ने जो काम किया है, उसको केंद्र ने अपनाया है. आजकल केंद्र वालों ने मीडिया पर कब्जा कर लिया है. आजकल देश में सिर्फ दो लोग अपना ही नाम लेते रहते हैं. अपनी पार्टी के नेताओं का भी नाम नहीं लेते." कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के मंत्री सुमित कुमार सिंह और विज्ञान एवं प्रावैधिगिकी विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने भी संबोधित किया.
(इनपुट आईएएनएस के साथ)