Navratri Devi Vahan: इस बार देवी का विसर्जन दशमी के दिन यानि के बुधवार को हो रहा है. बुधवार या शुक्रवार को देवी हाथी पर जाती हैं. इससे बारिश ज्यादा होती है. यह खेती-कृषि, किसानों के लिए काफी शुभदायक सिद्ध होती है. क्योंकि यह शुभ वृष्टि होती है
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पटनाः Navratri Devi Vahan: नवरात्र का पर्व अब समाप्ति की ओर है. नवमी की पूजा के बाद देवी की विदाई की जाती है. इसके बाद दशमी को मां की यात्रा निकाली जाती है और फिर उनका विसर्जन किया जाता है. माता दुर्गा जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं, उसके अनुसार सालभर होने वाली घटनाओं का भी अनुमान किया जाता है. देवी का वाहन सिंह है, लेकिन यह तभी उनका वाहन है जब वे युद्ध रत होती हैं. भक्तों के पास आने के लिए मां भगवती अलग-अलग वाहनों का चुनाव करती हैं.
इस बार देवी का विसर्जन दशमी के दिन यानि के बुधवार को हो रहा है. बुधवार या शुक्रवार को देवी हाथी पर जाती हैं. इससे बारिश ज्यादा होती है. यह खेती-कृषि, किसानों के लिए काफी शुभदायक सिद्ध होती है. क्योंकि यह शुभ वृष्टि होती है. इस तरह ये अनुमान लगाया जा सकता है कि अगले वर्ष देश में बारिश की स्थिति अच्छी रहेगी और किसानों को निराश नहीं होना पड़ेगा.
शशि सूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुज शोककरा।
शनि भौमदिने यदि सा विजया चरणायुध यानि करी विकला।।
बुधशुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा।
सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्य करा॥
मां के जाने का वाहन भी होता है निश्चित
देवी भगवती का आगमन भी वाहन से होता है और गमन भी निश्चित वाहन से ही करती हैं. यानी जिस दिन नवरात्र का अंतिम दिन होता है, उसी के अनुसार देवी का वाहन भी तय होता है. इसी के अनुसार जाने के दिन व वाहन का भी शुभ अशुभ फल होता है. रविवार या सोमवार को देवी भैंसे की सवारी से जाती हैं तो देश में रोग और शोक बढ़ता है. शनिवार या मंगलवार को देवी मुर्गे पर सवार होकर जाती हैं, जिससे दुख और कष्ट की वृद्धि होती है. बुधवार या शुक्रवार को देवी हाथी पर जाती हैं. इससे बारिश ज्यादा होती है. गुरुवार को मां दुर्गा मनुष्य की सवारी से जाती हैं. इससे सुख और शांति की वृद्धि होती है.