बक्सर में मिले शव को लेकर पटना हाईकोर्ट सख्त, बिहार सरकार से मांगा जवाब
Advertisement

बक्सर में मिले शव को लेकर पटना हाईकोर्ट सख्त, बिहार सरकार से मांगा जवाब

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए बक्सर के पास गंगा नदी में पाए गए शवों के संबंध में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. 

पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार से मांगा जवाब (प्रतीकात्मक फोटो)

Patna: कोविड की दूसरी लहर के बीच पटना हाईकोर्ट (Patna High Court ) राज्य में कोरोना रोकथाम को लेकर लगातार सुनवाई कर रही है. इस बीच पटना हाईकोर्ट ने 12 मई को सुनवाई करते हुए सरकार को कुछ जरूरी निर्देश जारी कर दिए हैं.  

कोर्ट ने किया तलब 

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए बक्सर के पास गंगा नदी में पाए गए शवों के संबंध में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. गौरतलब है कि बक्सर में गंगा नदी में लाशों के ढेर मिलें थे. जिसके बाद बिहार प्रशासन ने ये कहा था कि ये लाशें उत्तर प्रदेश से आई हैं. 

मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एस कुमार की खण्डपीठ ने एडवोकेट प्रियंका की तरफ से दायर याचिका पर भी सुनवाई की. उक्त याचिका पर कोर्ट से गुहार लगाई गई थी कि सूबे के तमाम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और रेफरल अस्पताल में कोविड केयर सेंटर खुले और उन सभी जगह पर पर्याप्त ऑक्सीजेंन सिलेंडर, दवाइयां लगातार मिलती रहे. 

कोविड की आने वाले तीसरे लहर की समुचित तैयारी हो

एडवोकेट प्रियंका की तरफ से दायर याचिका उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य में कोविड मेडिकल प्रोटोकॉल का अनुपालन नहीं हो रहा है. नतीजतन राज्य भर में कोविड का इलाज डॉक्टर एक समान तरीके से नहीं कर रहे हैं. कई जगह डॉक्टर अलग-अलग दवाइयां लिख रहे हैं तो कहीं अलग तरीके से इलाज करा रहे हैं. राज्य में कोविड की आने वाले तीसरे लहर की समुचित तैयारी की जाए. इसपर हाईकोर्ट ने कहा कि इन सभी बिंदुओं पर कोर्ट में जल्द विस्तृत सुनवाई करेगा. 

सरकार ने दिया जवाबी हलफनामा

पटना हाई कोर्ट में कोरोना मामले में राज्य सरकार की ओर से 184 पन्ने का एक जबाबी हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार कोरोना की रोकथाम के लिए क्या क्या कदम उठाए गए हैं. राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ा दी गई है तथा ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. जिस पर कोर्ट ने कहा कि मंगलवार की रात को 184 पन्ने का हलफनामा ऑनलाइन दाखिल किया गया है. इतने कम समय में ठीक से नहीं देखा जा सका है. 

एक्सपर्ट एडवाइजरी कमिटी हुआ है गठन

राज्य सरकार की तरफ से सूबे के तमाम कोविड अस्पतालों में मरीजों की संख्या, बेड व ऑक्सीजन की आपूर्ति और रोजाना होने वाले कोविड टेस्ट के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई. राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि कोविड-19 से निपटने हेतु, राज्यव्यापी प्रबंधन में एक्सपर्ट एडवाइजरी कमिटी का गठन 11 मई कर दिया गया था.  इसमें 12 सदस्य हैं. 

इस दौरान एम्स के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने कोर्ट को बताया कि पीएचसी और रेफरल अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था करना आवश्यक है. ऑक्सीजन के अभाव में कोरोना मरीज पटना व अन्य शहरों की भाग रहे हैं. जिसके बाद राज्य सरकार ने विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश किया. जिसमें सरकार ने कोरोना रोकने और मरीजों के इलाज के लिए हो रही कार्रवाई का ब्यौरा दिया है.

ये भी पढ़ें: कोरोना मरीजों के बीच जाने से नहीं डरा, तो नीतीश जी आपके जुल्म के सामने क्या ही झुकूंगा: पप्पू यादव

इस दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि केंद्र ने उन्हें ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर आश्वासन दिया है. इस मामले पर अब सुनवाई कल होगी.

 

Trending news