बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को लेकर विवाद हर गुजरते दिन के साथ गंभीर होता जा रहा है. छात्रों ने परीक्षा में अनियमितताओं, परीक्षा के प्रश्नों और कोचिंग संस्थानों के मॉडल पेपर में समानताओं के आरोप लगाए हैं.
इसलिए वे परीक्षा को पूरी तरह रद्द करने और परीक्षा को फिर से आयोजित करने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए छात्र शांति पूर्वक आंदोलन कर रहे थे, तभी इनके प्रोटेस्ट में पॉलिटिक्स की एंट्री हो जाती है. इसके बाद फिर छात्रों पर जमकर पुलिस लाठीचार्ज करती है.
प्रदर्शनकारी छात्र 28 दिसंबर, 2024 दिन शनिवार से पटना के गांधी मैदान में जुटे हुए थे. 29 दिसंबर, 2024 दिन रविवार को मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने शुरू किया. जब छात्र सीएम हाउस का घेरने के लिए आगे बढ़े तो प्रशासन ने डाक बंगला चौराह के पास बैरिकेडिंग करके उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन छात्र बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आगे बढ़ गए थे.
छात्र आगे बढ़ते रहे इनके साथ प्रशांत किशोर भी थे. इसी बीच पुलिस ने जब छात्रों को वापस लौटने को कहा तो विवाद बढ़ गया. इसके बाद पुलिस ने आगे बढ़ रहे छात्रों पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया और फिर लाठीचार्ज कर दिया.
पुलिस ने इस दौरान छात्रों को जमकर लाठियों से पीटा. आरोप है कि पुलिस छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीट रही थी. वहीं, इस दौरान जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर भाग गए थे. ऐसा आरोप उन पर लग रहा है. हालांकि, उन्होंने इस पर सफाई दी है.
सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें छात्र कर रहे हैं कि छात्रों को पीटवाने का काम सिर्फ़ नेता लोग किया है, छात्र शांतिपूर्ण तरीके से गर्दनीबाग धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे थे.
वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है कि कुछ नेताओं ने छात्रों को कहा कि हम आपके साथ हैं चलिए गांधी मैदान और जब वहां माहौल खराब हुआ और लाठी चलने लगा. ठंड में पानी का बौछार शुरू हुआ तो सब निकल लिए.
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