मशहूर लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने बिहार चुनाव 2025 से पहले बीजेपी का दामन थाम लिया है. उन्हें अलीनगर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. 23 वर्षीय मैथिली ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है और संगीत में शानदार करियर बनाया है. उन्हें उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार और नेशनल क्रिएटर अवॉर्ड जैसे सम्मान मिल चुके हैं.
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मशहूर लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने राजनीति में कदम रख लिया है. मंगलवार को वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गईं. बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. पार्टी ने मैथिली ठाकुर को अलीनगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी में उनके आने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि आखिर यह युवा कलाकार कितनी पढ़ी-लिखी हैं और राजनीति में उनका सफर कैसा रहेगा.
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मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी जिले में हुआ. उनके पिता रमेश ठाकुर पेशे से संगीत शिक्षक हैं, जबकि उनकी मां पूजा ठाकुर गृहिणी हैं. नौकरी और बेहतर जीवन की तलाश में परिवार दिल्ली आ गया. यहीं मैथिली की पढ़ाई और संगीत दोनों का सफर आगे बढ़ा. उनके दो भाई हैं ऋषभ और अयाची ठाकुर, जो खुद भी संगीत में सक्रिय हैं.
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मैथिली ने शुरुआती शिक्षा गांव में प्राप्त की और फिर दिल्ली आकर बाल भवन इंटरनेशनल स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की. उन्होंने संगीत और पढ़ाई के बीच बेहतरीन संतुलन बनाए रखा. अपनी मेहनत और लगन से वह दोनों क्षेत्रों में निखरती चली गईं.
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मैथिली बचपन से ही संगीत की दुनिया में डूबी रही हैं. उनके पिता और दादा दोनों ही संगीतकार रहे हैं, जिनसे उन्हें शास्त्रीय संगीत की शुरुआती तालीम मिली. बहुत कम उम्र में उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत और मैथिली लोकधुनों में महारत हासिल कर ली थी. उनकी मधुर आवाज ने उन्हें सोशल मीडिया से लेकर बड़े मंचों तक पहुंचाया.
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मैथिली ठाकुर का सफर आसान नहीं था. उन्होंने ‘सारेगामापा लिटिल चैंप्स’ और ‘इंडियन आइडल जूनियर’ जैसे बड़े रियलिटी शो में हिस्सा लिया, लेकिन शुरुआती दौर में उन्हें रिजेक्शन का सामना करना पड़ा. 2017 में ‘द राइजिंग स्टार’ में उन्होंने फर्स्ट रनर-अप बनकर सबका ध्यान खींचा. इसके बाद उनके भजन और लोकगीत सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे. उनके यूट्यूब चैनल और इंस्टाग्राम अकाउंट पर लाखों फॉलोअर्स हैं. आज उनके गीत करोड़ों लोगों तक पहुंचते हैं.
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संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए 2024 में बिहार सरकार ने उन्हें राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड का ब्रांड एंबेसडर बनाया. इससे पहले उन्हें संगीत नाटक अकादमी का प्रतिष्ठित ‘उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार’ मिल चुका है. यह सम्मान युवा कलाकारों के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाती है. पिछले साल उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल क्रिएटर अवॉर्ड से भी सम्मानित किया था.
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मैथिली ठाकुर को उनके चाहने वाले प्यार से ‘जूनियर बिहार कोकिला’ कहते हैं. उनकी गायकी में मिठास, लोकधुनों की गहराई और आवाज में सादगी झलकती है. वह हिंदी, भोजपुरी, मैथिली सहित कई भाषाओं में गाती हैं. देश के साथ-साथ विदेशों में भी उनके शो होते हैं. बताया जाता है कि एक कार्यक्रम के लिए वह 5 से 7 लाख रुपये तक फीस लेती हैं.
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अब मैथिली ठाकुर का नया सफर राजनीति से जुड़ गया है. बीजेपी ने उन्हें अलीनगर सीट से प्रत्याशी बनाया है. पार्टी को उम्मीद है कि उनकी लोकप्रियता और युवाओं में मजबूत छवि चुनाव में लाभ पहुंचाएगी. मैथिली ने कहा कि वह बिहार की संस्कृति, शिक्षा और रोजगार के मुद्दों पर काम करना चाहती हैं.
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