पटना के बापू टावर में शनिवार को भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के सहयोग से कजाकिस्तान के कलाकारों का विशेष नृत्य कार्यक्रम आयोजित किया गया. मशहूर ‘तुमार’ समूह की बारह नृत्यांगनाओं ने अपनी प्रस्तुतियों से कजाख संस्कृति और परंपरा की झलक पेश की. बदलते परिधान और लयबद्ध नृत्य-भंगिमाओं ने दर्शकों का दिल जीत लिया.
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पटना के बापू टावर के सभागार में शनिवार को भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के सहयोग से कजाकिस्तान के कलाकारों का नृत्य कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर बारह नृत्यांगनाओं के मशहूर समूह ‘तुमार’ ने अपनी प्रस्तुतियों से सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
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कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक कजाख संगीत की मधुर धुनों के साथ हुई. इसके बाद एक के बाद एक नृत्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया. कलाकारों के बदलते परिधान, भावपूर्ण चेहरे और लयबद्ध नृत्य-भंगिमाओं ने सभागार को तालियों से गूंजा दिया. हर प्रस्तुति ने कजाकिस्तान की संस्कृति और लोकनृत्य को सजीव कर दिया.
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‘तुमार’ समूह की प्रस्तुतियां सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि उन्होंने यह भी साबित किया कि कला और संस्कृति सीमाओं से परे एक वैश्विक भाषा है. दर्शक इस अनूठे अनुभव से बेहद प्रभावित हुए और कलाकारों को खड़े होकर तालियों से सम्मानित किया.
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भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की क्षेत्रीय निदेशक स्वधा रिजवी ने कहा कि ऐसे आयोजन भारत और कजाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत बनाते हैं. उन्होंने कहा कि कला वह माध्यम है जो भौगोलिक सीमाओं को मिटाकर दिलों को एक करता है.
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बापू टावर के निदेशक विनय कुमार ने कलाकारों का स्वागत किया और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम बापू टावर को एक जीवंत सांस्कृतिक केंद्र के रूप में पहचान दिला रहे हैं. उन्होंने भविष्य में और भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन की बात कही. इस मौके पर बापू टावर के अधिकारी-कर्मचारी, डीपीएस पटना के शिक्षक और बड़ी संख्या में बच्चे मौजूद रहे. कार्यक्रम का समापन दर्शकों की जोरदार तालियों और कलाकारों के सम्मान के साथ हुआ.
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