Bihar Greenfield Expressway: बिहार में पटना से सासाराम के बीच 120 किलोमीटर लंबा फोरलेन ग्रीनफील्ड हाईवे बनाया जाएगा, जिसकी लागत 3,700 करोड़ रुपये होगी. यह पूरी तरह एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे होगा, जिससे पटना-सासाराम का सफर 4 घंटे से घटकर डेढ़ घंटे में पूरा होगा. यह हाईवे पटना, भोजपुर, अरवल, रोहतास और सासाराम जिलों से होकर गुजरेगा, जिससे कनेक्टिविटी, व्यापार, पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. परियोजना का शिलान्यास 30 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.
बिहार को लगातार बड़ी सौगात मिल रही है. ऐसा ही एक बड़ी सौगात के रूप में पटना से सासाराम के बीच एक नया फोरलेन ग्रीनफील्ड हाईवे बनने जा रहा है. इस हाईवे की कुल लंबाई करीब 120 किलोमीटर होगी और इसे बनाने में करीब 3,700 करोड़ रुपये की लागत आएगी. यह हाईवे पूरी तरह एक्सेस कंट्रोल्ड होगा.
अब आपके मन में आ रहा होगा की एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे क्या होता है. एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे ऐसे बनाया जाता है की इसपर आने और निकलने के केवल निश्चित जगह पर ही हाईवे से कनेक्टेड रास्ते होते हैं. इससे सड़क पर बार-बार रुकावट नहीं आती और वाहन हाई स्पीड से चल सकते हैं. इस तरह के हाईवे खासतौर पर लंबी दूरी की यात्रा को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए बनाए जाते हैं.
इस एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे बन जाने से पटना से सासाराम का सफर दूरी महज डेढ़ से दो घंटे में तय की जा सकेगी. फिलहाल पटना से सासाराम का सफर करने में लगभग चार घंटे का समय लगता है. इससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि ईंधन और पैसों की भी बचत होगी, जिससे आम लोग और व्यापारी दोनों को लाभ मिलेगा.
यह एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड हाईवे पटना, भोजपुर, अरवल, रोहतास और सासाराम जिलों से होकर गुजरेगा. यह हाईवे कई नेशनल और स्टेट हाइवेज से भी जुड़ जाएगा, जैसे कि एनएच-19, एनएच-319, एनएच-922, एसएच-2, एसएच-81 आदि. इससे इन जिलों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और परिवहन के नए रास्ते खुलेंगे.
पटना से सासाराम के बीच इस फोरलेन ग्रीनफील्ड हाईवे के निर्माण से नौबतपुर, पीरो, संझौली, नोखा, सहार, हसन बाजार और अरवल जैसे इलाकों को विशेष फायदा होगा. इन क्षेत्रों के लोगों को पटना, आरा और सासाराम जैसी बड़ी जगहों तक पहुंचना आसान हो जाएगा. इससे व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे.
पटना से सासाराम फोरलेन ग्रीनफील्ड हाईवे परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई 2025 को करेंगे. इस अवसर पर राज्य और केंद्र सरकार के कई बड़े नेता और अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. उम्मीद की जा रही है कि यह हाईवे अगले दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा.
पटना-आरा-सासाराम हाईवे के बनने से वाराणसी तक जाना भी सरल हो जाएगा. इस नए मार्ग से उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच की दूरी कम होगी, जिससे दोनों राज्यों के लोगों को आवागमन और व्यापार में मदद मिलेगी.
इस हाईवे से धार्मिक नगरी वाराणसी के पर्यटन स्थलों तक पहुंचना आसान हो जायेगा, जिससे स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही, निर्माण कार्य और नई सुविधाओं के चलते हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा, जिससे क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक विकास होगा.
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