केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत के सरेंडर के बाद सियासत तेज है. सत्ता पक्ष जहां बिहार में कानून राज होने का दावा किया है, वहीं विपक्ष का कहना है कि बहुत पहले ही होनी चाहिए थी गिरफ्तारी. साथ ही सरेंडर के तरीके पर भी सवाल उठाया है.
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पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत के सरेंडर के बाद सियासत तेज है. सत्ता पक्ष जहां बिहार में कानून राज होने का दावा किया है, वहीं विपक्ष का कहना है कि बहुत पहले ही होनी चाहिए थी गिरफ्तारी. साथ ही सरेंडर के तरीके पर भी सवाल उठाया है.
राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि अर्जित शाश्वत के पकड़े जाने से सरकार ने जरूर राहत की सांस ली होगी. उन्हें गिरफ्तार किया गया है या फिर अर्जित ने सरेंडर किया है, यह तो पुलिस ही बता सकती है. उन्होंने अर्जित के मंदिर के सामने सरेंडर को लेकर सवाल उठाया और कहा कि जिस तरह से उन्हें मंदिर जाने का मौका दिया गया, उससे तो कुछ और ही लगता है.
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वहीं, राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने अर्जित शाश्वत की गिरफ्तारी का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि अर्जित को पहले ही गिरफ्तार किया जाता, तो प्रदेश में इतनी ज्यादा परेशानी नहीं होती.
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जदयू प्रवक्ता डॉ सुनील ने अर्जित शाश्वत की गिरफ्तारी को कानून के राज का परिणाम बताया है. उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई रसूखदारों के मामले में कानून ने अपना काम किया है. उन्होंने कहा कि बच्चा राय की संपत्ति जब्त किये जाने से साफ है कि घोटालेबाज कोई भी हो, वो बच नहीं सकता है.