Remdesivir: NMCH के अधीक्षक ने एक पत्र लिखकर अस्पताल के सभी चिकित्सकों को निर्देश दिया है कि डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुसार कोरोना के इलाज में रेमडेसिविर की ज्यादा उपयोगिता नहीं है.
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Patna: एक तरफ देश में जहां रेमडेसिविर दवा की भारी डिमांड है, वहीं दूसरी तरफ बिहार स्थित NMCH के अधीक्षक ने एक पत्र लिखकर इस जीवन दायक दवा के इस्तेमाल पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. एक पत्र लिखकर NMCH के अधीक्षक ने इस बारे में कहा है कि रेमडेसिविर कोरोना के इलाज में सहायक नहीं है. अपनी बात को मजबूती से रखते हुए NMCH के अधीक्षक ने इसके लिए बकायदा WHO की गाइडलाइन का हवाला दिया है.
NMCH के अधीक्षक ने एक आदेश जारी करते हुए अस्पताल के सभी चिकित्सकों को निर्देश दिया है कि डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुसार कोरोना के इलाज में रेमडेसिविर की ज्यादा उपयोगिता नहीं है. ऐसे में जितना संभव हो डॉक्टर इस दवा को इस्तेमाल करने से परहेज करें.
दरअसल, रेमडेसिविर की बिहार समेत अन्य राज्यों में भारी डिमांड है. इसी वजह से कुछ लोग इसकी कालाबाजारी करने में लग गए हैं. ऐसे में इस दवा के फायदे को लेकर उठ रहे सवाल पर सियासत भी तेज हो गई है. NMCH अधीक्षक द्वारा पत्र लिखकर आदेश जारी करने के बाद से ही सत्ता पक्ष भी उपापोह की स्थिति में है.
हालांकि, सत्ता पक्ष के कई नेताओं ने एनएमसीएच अधीक्षक के बयान का समर्थन किया है. वहीं, अधीक्षक के बयान पर समर्थन करते हुए बीजेपी ने भी सरकार का बचाव किया है. सत्ता पक्ष से इतर विपक्षी दल के नेता कुछ अलग ही राग अलाप रहे हैं.
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विपक्ष ने अधीक्षक के बयान पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जब इस दवा को लेकर हायतौबा मची थी, तब अधीक्षक महोदय क्यों सोए हुए थे? आरजेडी से इतर कांग्रेस ने NMCH अधीक्षक के बयान का समर्थन किया है और इसे सही बताया है.
इसमे कोई दो राय नहीं कि रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना के इलाज में सहायक मानी जा रही है, लेकिन अब इसे लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. लिहाजा सरकार को भी इसे लेकर स्थिति साफ करनी चाहिए.
(इनपुट-राजेंद्र मालवीय)