मथुरा दौरे के बाद वापस लौटे तेज प्रताप, आकाश यादव के पार्टी छोड़ने पर बोले...
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) आखिरकार पटना पहुंच गए.
Patna: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) आखिरकार पटना पहुंच गए. पिछले कुछ दिनों से बिहार की राजनीति उनके बयानों की वजह से गरमाई हुई थी और RJD में उथल-पुथल मची हुई थी.
LJP से जुड़े आकाश यादव
बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में जिस आकाश यादव (Akash Yadav) के लिए तनातनी बनी हैं, उसी आकाश ने शुक्रवार को लोक जनशक्ति पार्टी (पारस) गुट की सदस्यता ग्रहण कर ली. छात्र RJD के पूर्व अध्यक्ष आकाश को लोजपा के सांसद पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) और प्रिंस राज (Prince Raj) ने पार्टी की सदस्यता दिलाई. इस मौके पर आकाश को LJP छात्र इकाई का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनित कर दिया है.
'लोकतंत्र में सबको आजादी'
पटना पहुंचे तेज प्रताप यादव से जब आकाश यादव के LJP से जुड़ने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होने लोकतंत्र का हवाला दे दिया. तेज प्रताप यादव ने कहा कि लोकतंत्र है, सबको अपनी बात कहने की आजादी है. कोई कहीं भी जा सकता है. इसके अलावा तेज प्रताप को नुकसान होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे मीडिया का नुकसान है.
जगदाबाबू से लिया बैर
गौरतलब है कि आकाश यादव के लिए तेज प्रताप यादव RJD अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह से भी बैर लेने से नहीं चुके थे. जगदानंद सिंह के खिलाफ तेज प्रताप यादव ने जमकर हल्लाबोला खुलकर बयानबाजी की थी, जिसके बाद पार्टी से लेकर पारिवारिक कलह बनते हालात को कंट्रोल करने के लिए तेज प्रताप यादव को नसीहत देने के लिए आगे आना पड़ा था. इस दौरान उन्होंने साफ़ किया था कि पार्टी में अनुशासन सबसे ज्यादा जरूरी है और पार्टी में रहने के लिए नियमों का पालन करना पड़ेगा.
अध्यात्म ने दी शांति
इस मामले में जब तेज प्रताप को किसी भी तरह की कोई भी सफलता नहीं मिली तो उन्होंने दिल्ली में अपने पिता और पार्टी सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की थी. जिसके बाद पार्टी में विरोध के सुर शांत हो गए थे. इसके बाद तेज प्रताप (Tej Pratap Yadav) दो दिन से मथुरा में अपने धार्मिक गुरु के निवास पर थे. इस दौरान तेज प्रताप ने इस दौरान अपने धार्मिक गुरु को पारिवारिक हालत से रूबरू कराया और इसके साथ ही शांतिपूर्ण जीवन के उपाय जाने. इसके बाद वो एक बार फिर से बिहार वापस आ गए हैं. जिसके बाद अब सबकी निगाह तेज प्रताप पर टिक गई है. अब ये देखना दिलचस्प रहेगा कि वो कब तक शांत रहते हैं.
(इनपुट;आशुतोष चंद्रा)