पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों ने आम लोगों का बजट बिगाड़ दिया है.जिसके चलते लोग सीएनजी और इलेक्ट्रॉनिक जैसे वैकल्पिक संसाधनों का रुख कर रहे हैं.
Trending Photos
Patna: पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों ने आम लोगों का बजट बिगाड़ दिया है. जिसके चलते लोग सीएनजी और इलेक्ट्रॉनिक जैसे वैकल्पिक संसाधनों का रुख कर रहे हैं. इसी कड़ी में पारंपरिक इंधन के बिना यात्रा करने वाले लोगों की जरूरत को देखते हुए गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक छपरा के छात्र प्रिंस कुमार, आदित्य कुमार,स्वाति सिंह व नंदिनी सिंह ने साइकिल को कुछ इस तरह से डिजाइन किया है जिसमें बिना पैडल मारे इस पर आराम से सफर किया जा सकता है.
आसानी से चला सकते हैं साइकिल
चारों छात्रों ने मिलकर सौर ऊर्जा से चलने वाले इस इलेक्ट्रिक साइकिल को डिजाइन किया है, जिसमें बहुत मामूली खर्च में सफर किया जा सकता है. छात्रों के इस डिजाइन ने साबित कर दिया है कि अगर इरादे बुलंद है तो सीमित संसाधनों में भी बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं. छात्रों ने जो सोलर पावर्ड इलेक्ट्रिक साइकिल बनाई है उसकी खास बात यह है कि उसे चार्ज नहीं करना पड़ता बल्कि इस साईकिल पर धूप आते ही खुद ही चार्ज हो जाती है इसके बाद इसे आसानी से चला सकते हैं.
खुद ही किया है डिज़ाइन
इलेक्ट्रिक साइकिल बनाने वाले चारों छात्र डिप्लोमा 6 सेमेस्टर के छात्र हैं. साइकिल को छात्रों ने खुद डिजाइन किया है। तैयार की गई इलेक्ट्रिक साइकिल में 24 बोल्ट और 1800 सौ एमएच की क्षमता का बैटरी इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा 250 वाट का ब्रूस मोटर व रफ्तार को कम ज्यादा करने के लिए हैंडल वार में एक्सीलेटर लगाए गए हैं. रात में चलने के लिए साइकिल के आगे एलइडी लाइट भी लगी हुई है.
25 हजार आई है लागत
छात्रों के अनुसार साइकिल की स्पीड 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की है. साइकिल में दो बैटरी लगी हुई है. अगर एक बैटरी का चार्ज खत्म हो जाए तो तत्काल दूसरे बैटरी से साइकिल को ऑपरेट किया जा सकता है. छात्रों ने बताया कि सोलर बेस्ड ई साइकिल को बनाने में करीब 2 महीने का वक्त लगा, क्योंकि जो उपकरण साइकिल में लगने थे उसमें ढूंढने का समय लगा। एक साइकिल को बनाने में लागत खर्च लगभग 25 हज़ार की है. अगर पूरा उपकरण दिया जाए तो छात्र 2 दिन में एक साइकल बना सकते हैं. सबसे खास बात यह है कि रोजाना 100 किलोमीटर का सफर करने पर महज 2 रुपये का खर्च आता है. सोलर बेस्ड साइकिल को बनाने में छात्रों की मदद शिक्षक धनंजय कुमार व सहायक शिक्षक समीर राजा ने की है.
(इनपुट: राकेश)