पटना की मेयर ने हालात के लिए नगर विकास विभाग की एजेंसी बुडको को जिम्मेवार ठहरा दिया है. उधर बिहार के बाढ प्रभावित ईलाकों का दौरा कर केन्द्रीय टीम भी क्षति के आंकलन में जुट गई है.
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पटना: बिहार के पटना के कई इलाके अभी भी जलजमाव की चपेट में हैं. लेकिन राहत की बात है कि राजेंद्र नगर के इलाके से पानी निकलना शुरु हो गया है. दस दिनों के बाद स्थानीय लोगों में उम्मीद की किरण जग रही है. इधर पटना की मेयर ने हालात के लिए नगर विकास विभाग की एजेंसी बुडको को जिम्मेवार ठहरा दिया है. उधर बिहार के बाढ प्रभावित ईलाकों का दौरा कर केन्द्रीय टीम भी क्षति के आंकलन में जुट गई है.
बिहार के लोगों को पानी दशहरा में दर्द दे गया. जिस समय हर घर में हर्ष उमंग उल्लास का माहौल होता है. वहां, पानी के प्रकोप के मारे लोग अभी भी दहशत में हैं. बीते दस दिनों से जल कैदी बने राजेन्द्र नगर के लोगों के लिए नवरात्र पूजा का आठवां दिन थोडी राहत लेकर आया. दस दिनों बाद इलाके से पानी निकलना शुरु हुआ.
कटिहार: भगवान भरोसे बिहार के बाढ़ पीड़ित
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जल कैद से आजादी मिलने का सुकून इलाके की सडकों पर दिखा. लोग अपने रोजमर्रा के कामकाज में घरों से बाहर निकलते नजर आए. बीते 9 दिनों से राहत बचाव कार्य में लगे एनडीआरएफ के अधिकारी भी राहत महसूस करते नजर आए. एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट कुमार बालचन्द्र ने बताया कि शाम तक काफी पानी इलाके से निकल जाएगा.
रविवार को पानी काफी तेजी से निकल रहा है. सुबह 9 बजे तक एक फुट पानी इलाके से निकल चुका था. अभी एनडीआरएफ की तरफ से भी लोगों को मेडिकल फैसलिटी दी जा रही है. लोगों को खासतौर पर साफी पानी का इस्तेमाल करने और अपने आसपास साफ सुथरा माहौल रखने की सलहा दी गयी है.
इधर पुनपुन नदी के भी जलस्तर में भी कमी देखने को मिली है. बाढ प्रभावित सकराईचक ईलाके में 90 सेंटीमीटर पानी कम हुआ है. पटना के डीएम कुमार रवि ने भी इसकी पुष्टी कर दी है. वहीं बाढ क्षति का आकलन करने पहुंची केन्द्रीय टीम बीते दो दिनों से बिहार का दौरा कर रही है. रविवार को टीम ने भागलपुर का दौरा किया. बिहार के बाढ प्रभावित इलाकों के लिए केन्द्र सरकार की ओर से 631 करोड रुपये की एडवांस राशी स्वीकृत की गयी है. केन्द्रीय टीम की अनुसंशा के बाद सहायता राशी के और भी बढने की उम्मीद है.
पटना में जलजमाव की स्थिती को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर अभी भी जारी है. पटना की मेयर सीता साहू ने इस हालात के लिए बुडको को जिम्मेवार ठहराया है. सीता साहू ने कहा है कि जगह-जगह नालियां टूटी हुई हैं, पाईप टूटे हुए हैं. जिसके कारण जल निकासी नहीं हो सकी. संप हाउस भी काम नहीं कर रहा था. कई बार लिखे जाने के बाद भी बुडको की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया.
सीता साहू ने दावा किया कि अगली बार इस तरह के हालात नहीं होंगे. पटना की मेयर भले ही अगले साल की बात कहकर मामले को टालने की कोशिश कर रही हों. लेकिन हकीकत ये है कि पटना के मुख्य सडक से भले ही पानी निकल गया हो लेकिन लिंक रोड पर अभी भी पानी लगे हुए हैं. राजेन्द्र नगर से पानी निकलने में अभी एक दिन का और वक्त लगेगा. वहीं दूसरी तरफ दानापुर के कई ईलाके अभी भी जलमग्न हैं. जहां से पानी निकालना सरकार और जिला प्रशासन के लिए बडी चुनौती बनी हुई है.