झारखंड से भी अब मजदूर खास कर पैदल ही अपने अपने घरों के लिए निकलने लगे हैं. राजधानी रांची से तो मजदूर पैदल जा ही रहे हैं , बड़ी संख्या में दूसरे राज्य बिहार , बंगाल के मजदूर पैदल ही निकलने लगे तो झारखंड के दूसरे जिले के मजदूर भी सड़कों पर जाते दिख जा रहे हैं.
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रांची: झारखंड से भी अब मजदूर खास कर पैदल ही अपने अपने घरों के लिए निकलने लगे हैं. राजधानी रांची से तो मजदूर पैदल जा ही रहे हैं , बड़ी संख्या में दूसरे राज्य बिहार , बंगाल के मजदूर पैदल ही निकलने लगे तो झारखंड के दूसरे जिले के मजदूर भी सड़कों पर जाते दिख जा रहे हैं.
इस सभी लोगों की अपनी अपनी समस्या है. कुछ लोग राजधानी की सड़कों पर पैदल जाते दिख गए, उनसे जब पूछा गया कि आखिर जब लॉकडाउन किया गया है , तो फिर क्यों जा रहे हैं , जो जहां है उन्हें वहीं रहने को कहा गया है. इस पर मजदूरों का जवाब था , यहां रह कर क्या करें, यहां खाना नहीं मिलता है , गांव चले जाएंगे. गाड़ी नहीं मिलेगी तो पैदल ही चले जाएंगे.
उनका कहना है कि यहां रह कर मरने से अच्छा है , गांव जा कर मरें. बहुत दिक्कत है यहां. वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि मेरी करबद्ध प्राथना है , जो जहां हैं वहीं रह जाएं , राज्य सरकार आपके लिए सारे इंतजाम कर रही है.
साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई किराए के मकान में रह रहे हैं , किसी क्वार्टर में रह रहे हैं तो उन्हें अगर वहां से मकान मालिक द्वारा खदेड़ने की खबर आती है , तो उन लोगों पर कार्रवाई होगी.
दरअसल अब लोग पैदल ही अपने-अपने घरों के लिए निकलने लगे हैं जो कहीं न कहीं लॉकडाउन के मकसद के लिए उचित नहीं है. ऐसे में हेमन्त सरकार लोगों को पूरी तरह से आश्वस्त करने में जुटी है , कोई भी लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन न करें, जो जहां है वहीं रहें राज्य सरकार आप तक राहत पहुंचाने में जुटी है .