बजट पर लोगों ने कहा- देश के लिए स्वागतयोग्य लेकिन बिहार के दृष्टिकोण से निराशाजनक
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बजट पर लोगों ने कहा- देश के लिए स्वागतयोग्य लेकिन बिहार के दृष्टिकोण से निराशाजनक

बिहार के लिए कुछ विशेष सहायता नहीं दिए जाने पर कई लोग इसे निराशाजनक बजट बता रहे हैं. लेकिन कई लोग इसे गांव, गरीबों का बजट बताकर संतुलित और ग्रामीण भारत का बजट कहकर इसकी सराहना कर रहे हैं.

आम बजट पर बिहार में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं.

पटनाः केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में आम बजट पेश किया, जिसमें बिहार के लिए कुछ विशेष सहायता नहीं दिए जाने पर कई लोग इसे निराशाजनक बजट बता रहे हैं. लेकिन कई लोग इसे गांव, गरीबों का बजट बताकर संतुलित और ग्रामीण भारत का बजट कहकर इसकी सराहना कर रहे हैं. बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने इस बजट को बिहार के दृष्टिकोण से निराशाजनक, जबकि पूरे देश के दृष्टिकोण से स्वागतयोग्य बजट करार दिया है. 

उन्होंने बजट में छोटे व्यवसायी के लिए पेंशन योजना, जलशक्ति मंत्रालय की स्थापना, श्रम कानूनों में सरलीकरण, किफायती दर में घर के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए इसे गांव और गरीबों का बजट बताया. उन्होंने कहा कि यह बजट देश और किसानों पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा. 

अग्रवाल ने हालांकि कहा कि बिहार के लोग खासकर व्यापार और उद्योग से जुड़े लोग बिहार जैसे पिछड़े राज्य के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की आश लगाए हुए थे. उन्होंने कहा कि पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए अनुदान दर को आकर्षक बनाया जाना चाहिए. 

उन्होंने कहा, "इस बजट से निम्न और मध्यम वर्ग के परिवारों को लाभ होगा, लेकिन इसमें बिहार के लिए कुछ खास नहीं किया गया है." 

वरिष्ठ अर्थशास्त्री और पटना कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ़ नवल किशोर चौधरी ने इस बजट को कुल मिलाकर निराश करने वाला बताया. उन्होंने कहा, "गांव के विकास और किसान के लिए बजट में कुछ चर्चा की गई है, परंतु शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऐसा कुछ नहीं किया गया है, जिससे समस्याओं का हल हो सकें."

उन्होंने कहा कि बजट में क्षेत्रीय असमानता को लेकर कोई बात नहीं की गई, जिससे बिहार जैसे पिछड़े राज्यों के लोगों को निराशा हुई है. उन्होंने नीचे के स्तर पर शिक्षा की गुणवता में सुधार के लिए भी कोई चर्चा नहीं किए जाने को निराशाजनक बताया. 

बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआईए) के महासचिव महावीर प्रसाद ने बजट को अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने वाला बताया. 

उन्होंने कहा, "बीआईए मूलत: इस बजट को प्रगतिशील और देश के सर्वागीण विकास हेतु दीर्घकालीन दृष्टिकोण मानता है. बजट में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में आवास योजनाओं, सड़क, रेल और हवाई क्षेत्रों में आधारभूत संरचना को बढ़ावा देने के साथ-साथ युवा तथा महिला उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहित करने का कदम उठाया गया है. पिछले पांच वर्षो में आर्थिक प्रगति के तथ्यों पर आधारित और विकास की नीतियों के आधार पर पांच ट्रिलियन डॉलर की परिकल्पना की गई है." 

उन्होंने आगे कहा, "शिक्षा के क्षेत्र और स्किल डेवलपमेंट में विशेष योजनाओं की घोषणा की गई है. इलेक्ट्रीक और सोलर चालित वाहनों और उनके चार्जिग स्टेशन को प्रोत्साहन देने की घोषणा की गई है." 

उन्होंने हालांकि बिहार को कोई विशेष पैकेज नहीं मिलने पर निराशा जाहिर की, परंतु इस बजट को दूरदर्शी एवं प्रगतिशील बताया. 

(इनपुटः आईएएनएस)