बिहार: बगहा में चल रहा अंधविश्वास का खेल, 'कोरोना माई' पर चढ़ाए जा रहे लड्डू-अगरबत्ती
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बिहार: बगहा में चल रहा अंधविश्वास का खेल, 'कोरोना माई' पर चढ़ाए जा रहे लड्डू-अगरबत्ती

बिहार के बगहा में कोरोना वायरस को भगाने के लिए महिलाएं पूजा अर्चना कर रही हैं. अनलॉक-1 में मंदिरें 8 जून से खुलेंगी लेकिन इसके बावजूद महिलाएं चढ़ावा और पूजा अर्चना करने पहुंच रही हैं.

महिलाओं की मानना है कि गाय का रूप धारण कर बचड़ी में 'कोरोना माई' आईं थी.

बगहा: पूरा विश्व जहां कोरोनावायरस के कहर से त्रस्त है वहीं, बिहार भी इससे अछूता नहीं है. राज्य में अब तक लगभग 4600 कोरोना के केस आ चुके हैं लेकिन इसके बाद भी कोरोना को लेकर अंधविश्वास कुछ इलाकों में फैला हुआ है. बिहार के बगहा में कोरोना वायरस को भगाने के लिए महिलाएं पूजा अर्चना कर रही हैं. अनलॉक-1 में मंदिरें 8 जून से खुलेंगी लेकिन इसके बावजूद महिलाएं चढ़ावा और पूजा अर्चना करने पहुंच रही हैं.

महिलाओं की मानना है कि गाय का रूप धारण कर बचड़ी में 'कोरोना माई' आईं थी. इसे लेकर बगहा के मदनपुर देवी स्थान, पटेसरा, सिरिसिया और जमुनापुर धिरौली समेत हरनाटांड़ थरूहट के गांवों में अंधविश्वास का खेल शुरू हो गया है. 

अंधविश्वास का खेल यहां ऐसा चल रहा है कि महिलाओं का मानना है कि कोरोना माई ने 9 लवंग, 9 कपूर, 9 अगरबत्ती और 9 लड्डू चढ़ाकर कोरोना के प्रकोप से मुक्ति की बात कही है. कोरोना माई' की पूजा करने से महामारी खत्म हो जाएगी और लोगों को राहत मिलेगी.

इन जगहों पर ना तो सोशल डिस्टेंसिंग को माना जा रहा है और ना ही महिलाएं मास्क पहन रही हैं. बेधड़क महिलायें समुह बना कर पुजा अर्चना में जुटी गई हैं.  एक ओर पूरी दुनिया को हरा चुके कोरोना वायरस को लेकर बगहा एवं आसपास के इलाकों में एक नया अंधविश्वास आया है. महिलाओं ने आस्था जताया है कि कोरोना नामक बीमारी दैविक प्रकोप है जिसे आराधना करके भगाया जा सकता है.

पूरी दुनिया इस वायरस से निजात पाने के लिए मशक्कत कर रही है. इस मामले पर फिलहाल प्रशासन ने कोई टिप्पणी नहीं की है.